अन्नकूट प्रसाद के लिए यथर सामर्थ सामग्री की भेंट. पहले भगवान विश्वकर्मा को भोग फिर प्रसाद का वितरण फतह सिंह उजाला पटौदी। कोई भी त्यौहार हो ,उत्सव हो, आयोजन हो या पारंपरिक खेलकूद । इसकी पृष्ठभूमि ग्रामीण अंचल ही रही है । ग्रामीण अंचल में आज भी भारतीय सनातन संस्कृति के सभी प्रकार के त्यौहार उत्सव को अनादि काल से चली आ रही परंपरा के मुताबिक ही मनाया जाता है । रविवार को पटौदी क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में भी अन्नकूट पर्व धूम धाम और पूरे श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया । दीपावली के अगले दिन रविवार को पटौदी क्षेत्र के विभिन्न प्रमुख मंदिरों में शामिल इच्छापुरी शिव मंदिर ,बाबा हरदेवा मंदिर जाटोली ,प्राचीन शिव मंदिर अनाज मंडी हेली, मंडी श्री श्याम मंदिर टोडापुर , साईं बाबा मंदिर टोडापुर, बाबा बरखंडी मंदिर मेहचाणा, डेडावाला मंदिर, पाटौदी आश्रम हरी मंदिर संस्कृत महाविद्यालय, बोहड़ाकला स्थित महाकाल मंदिर के साथ-साथ विभिन्न गांव में सभी मंदिरों में रविवार को सुबह से ही अन्नकूट का प्रसाद बनाने अथवा तैयार करने का सिलसिला सामूहिक रूप से आरंभ हो गया। वैसे तो दिवाली पूजन के बाद ही शनिवार देर शाम से ही श्रद्धालुओं के द्वारा अंन्नकूट प्रसाद में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने और पुण्य अर्जित करने के लिए यथा सामर्थ खाद्य सामग्री भेंट करने का सिलसिला बना रहा । रविवार को पटौदी क्षेत्र के सभी विख्यात और चर्चित मंदिरों में कोरोना काल को देखते हुए करोना गाइडलाइन के मुताबिक अंन्नकूट प्रसाद को तैयार किया गया और उसी के मुताबिक इसका वितरण भी किया गया । सभी श्रद्धालु अन्नकूट का प्रसाद जल्द से जल्द ग्रहण कर पुण्य के भागीदार और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लालायित दिखाई दिए । अंन्नकूट के प्रसाद में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला और वितरण किए जाने वाला प्रसाद बाजरे की खिचड़ी और कढ़़ी , यह बस दो खाद्य सामग्री ऐसी हैं जिन्हें की सभी श्रद्धालु बहुत ही श्रद्धा भाव और चाव के साथ में ग्रहण कर कृतार्थ मानते हैं । रविवार को दोपहर में विभिन्न मंदिरों में आरंभ हुआ अंन्नकुट प्रसाद का सिलसिला सायं काल तक चलता रहा । कई मंदिरों में तो श्रद्धालु उम्मीद के मुताबिक अधिक पहुंच गए , लेकिन आयोजकों ने श्रद्धालुओं को निराश नहीं होने दिया और सभी को अन्नकूट का प्रसाद प्रदान किया गया इसी कड़ी में दया भाव, करुणा, दान करना जैसे गुण अनुवांशिक और बुजुर्गों से विरासत में मिलते हैं । हेलीमंडी क्षेत्र के विख्यात समाजसेवी स्व. महेंद्र गोयल के पुत्र कमल गोयल ने अपने परिवार की इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए रविवार को अंन्नकूट के मौके पर गरीब और जरूरतमंदों को सूखा राशन विनोद प्रधान कॉलोनी में वितरित किया । इस मौके पर स्व. महेंद्र गोयल के पुत्र कमल गोयल ने अपने परिवार की इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए रविवार को अन्नकूट के मौके पर गरीब और जरुरतमंद को सूखा राशन विनोद प्रधान कॉलोनी में वितरित किया । इस मौके पर साथ में वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व पालिका पार्षद विनोद शर्मा भी मौजूद रहे । कमल गोयल ने कहा गरीब जरूरतमंद लोग खुदगर्ज भी होते हैं , जल्दी से किसी के सामने हाथ नहीं फैलाते । लेकिन जिनके दिल में दया भाव हो वह ऐसे लोगों को भली प्रकार से जानते भी हैं और पहचानते भी हैं । इस प्रकार के लोगों को मदद देकर जो मन को शांति मिलती है वह पैसे से नहीं खरीदी जा सकती। Post navigation बीते कल के अनुभव जीवन को बनाते हैं सार्थक: धर्मदेव वर्ष में शुगर की जांच एक बार अवश्य कराएं डा. नीरू यादव