शुगर का रोग अधिकांश लोगों में अनुवांशिक हो सकता है.
उचित जीवन शैली सहित खान-पान पर नियंत्रण से राहत

फतह सिंह उजाला

पटौदी । वर्ष में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी शुगर की जांच अवश्य करवानी चाहिए । शुगर जिसे मधुमेह और डायबिटीज भी कहा जाता है , यह एक प्रकार की अनुवांशिक बीमारी है । बीते 10 वर्षों के दौरान भारत में शुगर के रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।  हम सभी शुगर को उचित जीवन शैली सहित अपने खानपान में अथवा भोजन में नियंत्रण करके शुगर जैसे रोग से राहत भी प्राप्त कर सकते हैं । पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव ने बताया यदि शुगर रक्त में शामिल हो, जिसे की ब्लड शुगर कहा जाता है तो यह संबंधित व्यक्ति के लिए पीड़ादायक भी होता है ।

ब्लड शुगर अधिक होने के कारण दिल का दौरा और लकवा, शरीर के विभिन्न अंग स्थिल पड़ जाना ,हाथ पैरों में झनझनाहट होना ,आंखों में अंधापन और चोट अथवा घाव धरने में भी संबंधित व्यक्ति को परेशानियों से जल्द छुटकारा नहीं मिलता है । उन्होंने बताया शुगर को हम अपने शरीर के वजन को नियंत्रण रखकर कंट्रोल कर सकते हैं। थोड़े-थोड़े समय पर कम मात्रा में भोजन करना चाहिए और यह भोजन स्वस्थ और संतुलित आहार का मिश्रण होना चाहिए। चीनी ,नमक ,वसा की ज्यादा मात्रा भोजन में लेने से भी बचना चाहिए ।

उन्होंने कहा किसी भी प्रकार का तंबाकू का सेवन और शराब का सेवन यह दोनों भी शुगर को बढ़ाने में एक कारण हैं । डॉक्टर नीरू यादव ने बताया पटौदी नागरिक अस्पताल में प्रतिमाह पहले शुक्रवार को शुगर की जांच की व्यवस्था की गई है । यहां अभी तक लगभग 150 लोगों की शुगर की जांच की जा चुकी है और इनमें एक सौ से अधिक लोगों की नियमित रूप से ठीक होने के लिए दवाई दी जा रही है। शुगर होने पर इसका आंखों पर भी प्रभाव पड़ता है, जिससे कि विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर में शुगर का लेवल अन कंट्रोल हो तो फिर इसे नियंत्रण करने के लिए एकमात्र अंतिम विकल्प इंसुलिन ही बचता है । तो ऐसे में थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता किसी को भी शुगर का रोगी होने से बचा सकती है।

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