भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। गुरुग्राम में पिछले कई दिनों से कोरोना ने कहर मचा रखा है। मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है और ऐसे में दीपावली का त्यौहार शहर में जो उल्हास और भीड़-भाड़ देखी जा रही है, उससे कहीं यह नहीं लगता कि नागरिकों में कोरोना का डर समाया हुआ है।

इधर कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन विज्ञप्तियों के सहारा तो लगता है कि बहुत सतर्क है लेकिन जमीनी धरातल पर कहीं ऐसा नजर नहीं आ रहा। सेनेटाइजेशन का काम भी कहीं दिखाई नहीं दे रहा। कोरोना मरीजों के घर पर तो सूचना पट्ट लगाया करते थे, वह लगाने का नियम तो हट ही गया है। ऐसी अवस्था में कहीं यह नजर नहीं आता कि कोरोना नागरिकों में डर फैला रहा है।

गुरुग्राम की स्वास्थ्य सेवाएं तो चरमराई हुई हैं। एक तो कोरोना का कहर, ऊपर से डेंगू साथ ही मलेरिया और निमोनिया। तात्पर्य यह है कि गुरुग्राम का सैक्टर-10 सरकारी अस्पताल तो आए मरीजों को टालकर उन्हें घर भेज देता है, उनके हाल पर छोडक़र। सलाम है गुरुग्राम की जनता को, जो इतना कुछ होते हुए भी शांति से त्यौहार की तैयारियों में लगे हुए हैं।

अब बात करें जनप्रतिनिधियों की। तो वे भी दीपावली की तैयारियों में तो लगे हैं, किंतु कोरोना के कहर और स्वास्थ्य सेवाओं की ओर उनका भी ध्यान जाता नजर नहीं आ रहा। वे जनप्रतिनिधि चाहे पार्षद हों, विधायक हों, सांसद हों या फिर प्रदेश के मंत्री हों। किसी का ध्यान बढ़ते कोरोना के कहर की ओर नजर नहीं आ रहा।

हम गुरुग्राम के साहसी, उत्साही नागरिकों को दीपावली की शुभकामनाएं अर्पित करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि वे कोरोना, डेंगू आदि बीमारियों से बचें रहें। साथ ही प्रार्थना करते हैं कि कोरोना से बचाव के सभी उपायों का गंभीरता से पालन करें और अन्य बीमारियों से अपने आपको बचाएं। सबसे बड़ा सुख निरोगी काया।