13 नवम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि सत्ता दुरूपयोग व जातिय धु्रवीकरण के कुकृत्य के बाद भी बरोदा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत से भाजपा भारी बौखलाहट में है और इसी बौखलाहट में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खटटर से लेकर भाजपा-संघी ज्यादा अनाप-शनाप बाते करके हार की हताशा को दिखा रहे है। विद्रोही ने कहा कि बरोदा चुनाव में जातिय धु्रवीकरण का गंदा कार्ड खेलने का कुप्रयास संघीयों ने किया, सत्ता दुरूपयोग से प्रशासन, पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को भाजपा कार्यकर्ता बनाया, लोगों की वोट खरीदने पैसों का प्रलोभन, शराब का वितरण, मुफ्त गैस सिलेंडर व नकद पैसे भाजपा ने दिये और बेशर्म भाजपाई-संघी जातिय धु्रवीकरण व लोगों को बाटने का झूठा आरोप हार की हताशा में कांग्रेस पर लगा रहे है। बरोदा के मतदाता ने जिस तरह हरियाणा भाजपा-जजपा के अवसरवादी, सिद्धांतहीन, सतालोलूप, निजी स्वार्थो के गठबंधन को नकारा है, उससे संघीयां में भारी बौखलाहट है। विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर दावा कर रहे है कि भाजपा का बरोदा में वोट बढा है, हार का अंतर कम हुआ है और कांग्रेस के 6 हजार वोट घटे है। मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठा कोई व्यक्ति ऐसा झूठ पेले, यही अपने आप में शर्मनाक है। कटु सत्य यह है कि अक्टूबर 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार दिंगवत श्रीकृष्ण हुड्डा को लगभग 42 हजार व भाजपा उम्मीदवार योगेश्वर दत्त को लगभग 37 हजार वोट मिले थे और कांग्रेस ने लगभग 5 हजार मतों से जीत दर्ज की थी। जबकि अब उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इन्दुराज नरवाल को लगभग 62 हजार वोट मिले है जबकि भाजपा उम्मीदवार योगश्वर दत्त को लगभग 52 हजार वोट मिले है और कांग्रेस ने बरोदा उपचुनाव 10 हजार से ज्यादा मतों से जीता है। विद्रोही ने कहा कि अक्टूबर 2019 विधानसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस ने दोगुने अंतर से चुनाव जीता है। कांग्रेस को लगभग 20 हजार ज्यादा मत मिले जबकि जजपा से गठबंधन करके भी भाजपा को केवल 15 हजार मत मिले जबकि 2019 विधानसभा चुनाव में जजपा-भाजपा को 70 हजार से ज्यादा मत मिले थे। इस तरह सत्य तो यह है कि भाजपा-जजपा के 20 हजार वोट घटे है और कांग्रेस के 20 हजार वोट बढ़े है। फिर भी मुख्यमंत्री झूठ पेल रहे है कि कांग्रेस के 6 हजार वोट घटे है। विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयानों से साफ है कि वे बरोदा की हार से हताश ही नही अपितु उनको भाजपा-जजपा विधायकों के बागी होने का भी डर सता रहा है। वहीं उन्हे व भाजपा को एहसास हो गया है कि भविष्य में हरियाणा में भाजपा की हार तय है और इसी हताशा में हर छोटा-बड़ा संघी अनाप-शनाप बोलकर अपनी बौखलाहट का प्रदर्शन कर रहे है। Post navigation मुख्यमंत्री के यातायात का रोज का खर्चा 25 लाख रूपये : विद्रोही पूर्व उप राज्यपाल कांग्रेस वरिष्ठ नेत्री चंद्रावती का निधन