मंगलवार को फिर से करोना कोविड-19 के 714 नए केस दर्ज.
बीते 24 घंटे में गई एक और जान मरने वाले पहुंचे 131 तक

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   दक्षिणी दिल्ली के साथ सटे हरियाणा की आर्थिक राजधानी कहलाने वाले साइबर सिटी गुरुग्राम से लगता है जैसे करोना कोविड-19 की कोई गहरी सांठगांठ हो गई है । एक बार फिर से साइबर सिटी, मेडिकल हब और सुबे के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देने वाले गुरुग्राम में 714 नए करोना कोविड-19 के पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं । वही बीते 24 घंटे में कोरोना कोविड-19 ने एक और जिंदगी निगल ली । इस प्रकार गुरुग्राम में करो ना कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 231 तक पहुंच गई है ।

सिटी से बाहर देहात कहलाने वाले इलाकों में शामिल पटौदी ब्लॉक में भी करोना कोविड-19 पूरी तरह से बेलगाम हुआ दिखाई दे रहा है । पटौदी ब्लॉक में भी मंगलवार को 38 नए कोरोना कोविड-19 के पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं । देहात में मंगलवार को पॉजिटिव केस का आंकड़ा 46 का रहा है । जहां तक गुरुग्राम में कोरोना कोविड-19 पॉजिटिव एक्टिव केस की बात है , तो स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी बुलेटिन में बताया गया है कि मंगलवार को यह आंकड़ा 5567 पॉजिटिव केस के रूप में दर्ज किया गया। वही बीते 24 घंटे के दौरान 489 कोरोना कोविड-19 पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ होने वालों में बताए गए हैं ।

सिटी से बाहर देहात कहलाने वाले इलाके फरुखनगर और सोहाना में मंगलवार को कुल मिलाकर आठ कोरोना कोविड-19 के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं । इसके विपरीत करोना कोविड-19 के लिए सबसे अधिक साफ्ट टारगेट बना देहात इलाका पटौदी ब्लॉक यहां मंगलवार को 38 नए कोरोना कोविड-19 के पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं । त्योहारी सीजन में घरों से बाहर निकलती आम लोगों की भीड़ के कारण ही कोरोना कोविड-19 के मामलों की संख्या में उछाल आ रहा है, इस बात को लेकर किस तर्क, किस कारण और किस तथ्य को लेकर दावा किया जाए कि भीड़ तंत्र के बीच ही कोरोना कोविड-19 पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ना मुख्य कारण है । दूसरी तरफ जिला स्वास्थ्य विभाग , जिला प्रशासन के साथ-साथ बीते कुछ दिनों से पुलिस विभाग भी  कोविड-19 को लेकर सक्रिय होते हुए आम लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंस बनाने का आह्वान करते हुए बिना मास्क पहने लोगों के चालान काट जुर्माना भी वसूल रहा है । अब ऐसे में जिस तेजी से करोना कोविड-19 के पॉजिटिव केस में उछाल आ रहा है , इस उछाल को काबू करना ही जिला स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन के लिए एक प्रकार से चिंतन मंथन सहित चुनौती बना हुआ दिखाई दे रहा है ।

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