2003 से पहले के स्कूलों को एकमुश्त स्थाई मान्यता दी जाए व अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलो के लिए तुरंत प्रभाव से एक्सटेंशन पत्र करे जारी

बंटी शर्मा सुनारिया

9 नवम्बर 2020 – रोहतक : वन स्टेट वन यूनियन के संस्थापक सदस्य सुमित चावला ने कहा कि वर्ष 2003 से ही कई प्राइवेट स्कूल हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा स्थाई मान्यता प्राप्त करने की बाट जोह रहे है। गौरतलब है कि वर्ष 2003 से पहले स्कूलों को स्थाई मान्यता लेने के लिए पहले स्कूल को शिक्षा विभाग द्वारा अस्थाई मान्यता लेनी होती थी, फिर कुछ वर्ष उपरांत स्कूल को शिक्षा विभाग द्वारा स्थाई मान्यता प्रदान कर दी जाती थी। परंतु वर्ष 2003 में नई शिक्षा नियमावली आने के बाद कुछ स्कूलों को स्थाई मान्यता दी गई और बहुत से स्कूल उसी प्रकार अस्थाई मान्यता के आधार पर चल रहे है। नियमानुसार वे सभी विद्यालय जो 2003 से पूर्व संचालित है उन्हें विभाग द्वारा एकमुश्त स्थाई मान्यता दे दी जानी चाहिए थी। परंतु कई सरकारें आयी और गयी परंतु ये मामला ज्यों का त्यों है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने अपने 2014 के चुनावी घोषणापत्र में प्राइवेट स्कूलों के हित मे कार्य करने का वादा भी किया था परंतु अब तक भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नही उठाया गया है। वन स्टेट वन यूनियन का प्रतिनिधिमंडल इस दिशा में कई बार शिक्षामंत्री व अन्य संबंधित अधिकारियों से भी मिल चुका है। सरकार से मांग है कि वह 2003 से पूर्व संचालित स्कूलों को एकमुश्त स्थाई मान्यता प्रदान करे ताकि ये स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का सहयोग कर सके।

गत वर्ष शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को नियमों में सरलीकरण के लिए आश्वस्त करते हुए एक वर्ष की एक्सटेंशन दी थी। परंतु अब तक न तो नियमों में किसी प्रकार का सरलीकरण हुआ है और न ही 3200 स्कूलों के लिए इस वर्ष के लिए एक्सटेंशन लैटर जारी किया गया है जिससे इन स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग साढ़े चार लाख बच्चों का भविष्य अधर में लटका है इस कोरोना आपदा को देखते हुए सरकार व विभाग से निवेदन है कि इस वर्ष प्राइवेट स्कूल संचालक किसी भी प्रकार का अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाने में सक्षम नही है। इसके लिए बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तुरंत प्रभाव से एक्सटेंशन लैटर जारी किया जाए।

error: Content is protected !!