-भाजपा नेता ने देश, प्रदेश हित को बताया सर्वोपरि
-खुद के साथ दूसरों के जीवन को पटाखों की चिंगारी में झोंकना बताया गलत
-करवाचौथ के पर्व पर पटाखे चलाने की प्रथा भी सही नहीं

गुरुग्राम। प्रसिद्ध उद्योगपति एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बोधराज सीकरी ने कहा कि दीवाली का त्योहार खुशियां मनाने का है। खुशियां एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मनाएं, ना कि पटाखे जलाकर अपने पर्यावरण को खराब करके। पटाखों के शोर से कानों को नुकसान और उससे निकलने वाले धुएं से पर्यावरण को नुकसान होता है। इस दीवाली एनजीटी द्वारा एनसीआर में 30 नवम्बर तक पटाखे चलाने पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है। सरकार के इस निर्णय की चहुंओर सराहना हो रही है।

बोधराज सीकरी ने कहा कि हम सब प्रदेशवासियों को इस निर्णय को मानते हुए पटाखों से दूरी बनानी है। हमारे जिस काम से पर्यावरण को नुकसान हो, वह काम नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने करवाचौथ के पर्व पर पटाखे चलाने की इस बार से शुरू हुई प्रथा को गलत बताया। बोधराज सीकरी ने कहा कि दीवाली के त्योहार पर हम यह सोच लेते हैं कि इस पर्व की खुशियां तो पटाखों से ही जुड़ी हैं। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो त्योहार फीका नजर आएगा। त्योहार को अगर मीठा बनाना है तो मिठाइयां खाएं और खिलाएं।

पटाखें हमारे स्वास्थ्य व पर्यावरण को हानि पहुंचाते हैं। एक तो पहले से ही पर्यावरण बहुत खराब हो चुका है। अगर दीवाली पर पटाखे जलाए जाते हैं तो यह स्थिति और भी भयानक हो सकती है। रोजाना प्रदूषण का स्तर खतरनाक मानक पर पहुंच रहा है। यह हम सबके लिए चिंता का विषय हैं। प्रदूषण गर्भ में पलने वाले शिशु के लिए भी खतरनाक है और बीमार व स्वस्थ लोगों के लिए भी। हम सब यह जानते हुए भी पर्यावरण को प्रदूूषित करने से बचें। यह हम सबकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। हमें चाहिए कि अगर कोई और भी पटाखे जलाता है तो उसे इस कार्य के लिए इंकार करें। पड़ोस में जलने वाले पटाखों से भी तो हमें ही नुकसान होगा। इसलिए हमें सब पर नजर भी रखनी चाहिए, ताकि त्योहार के मौके पर फैलने का यह प्रदूषण रोका जा सके। बोधराज सीकरी ने विवाह-शादियों में भी आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। शादियों के सीजन में हजारों शादियों में आतिशबाजी से हालात बहुत खराब हो जाते हैं।

error: Content is protected !!