प्रशासन पर अविश्वास, विज से आस: ग्रामीण

पंचकूला, 06 नवम्बर। जिले के गांव रत्तेवाली में बवाल के 48 घंटे बाद अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को ग्रामीण एक बार फिर धरने पर बैठ गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले को लेकर प्रशासन पर अविश्वास, विज से आस है। गॉव में हुई हिंसा के 48 घंटे बाद गांव में फिर धरना शुरू हो गया है। इस बार धरने का नेतृत्व न तो कोई नेता और न ही युवा कर रहा है। धरने में सबसे ज्यादा महिलाएं बैठी हैं। इसमें गांव के बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। धरने पर बैठे ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन और हरियाणा विधानसभा स्पीकर एवं पंचकूला विधायक ज्ञानचंद गुप्ता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।  मंगलवार को पुलिस व ग्रामीणों के बीच अवैध खनन मामले को लेकर झड़प हो गई थी जिसमें ग्रामीण व पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

पंचकूला के गांव रत्तेवाली के ग्रामीणों का कहना है कि उनका पुलिस और प्रशासन से विश्वास उठ चुका है। उन्हें अब प्रदेश के गृहमंत्री अनिज विज से न्याय की आस है। पुलिस की बर्बरता से ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि अब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से उनको कोई बात नहीं करनी है, इसके अलावा न ही गांव में किसी अधिकारी को घुसने देंगे। यदि किसी अधिकारी ने गांव में जबरन घुसने की कोशिश की तो माहौल फिर बिगड़ सकता है। ग्रामीण ने कहा कि वह शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उनके साथ जो बर्ताव किया वह ठीक नहीं है। गांव के गुरदीप, चेयरमैन भूला राम, राम सिंह, सरवन सिंह, ऋषिपाल, रिंकू, बलराज, चमन लाल, सुखदेव, संजू, रोकी राम ने प्रदेश सरकार के गृहमंत्री अनिल विज से ग्रामीणों ने मुलाकात के लिए समय मांगा है।  

ग्रामीणों का कहना है कि अनिल विज मुलाकात के लिए जहां भी बुलाएं वह जाने के लिए तैयार हैं। लेकिन उनकी एक ही शर्त है कि गांव के जितने भी लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उसे रद्द किया जाए और गिरफ्तार लोगों को सम्मान के साथ छोड़ा जाए। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपनी मांगों से संबंधित पत्र उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा को प्रशासनिक अधिकारियों के जरिए भेज दिया है, लेकिन उन्हें उपायुक्त की तरफ से कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला है। वह जवाब के इंतजार में हैं इसके बाद वह अगली रणनीति तैयार करेंगे। ग्रामीणों ने रत्तेवाली नदी के खनन ठेकेदार प्रदीप गोयल के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार झूठे केस में फंसाने के लिए उन पर लूट, मारपीट और आगजनी का आरोप लगा रहा है, जबकि ठेकेदार के कारिंदों ने खनन स्थल पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन एक तरफा कार्रवाई कर रहा है, जबकि पथराव, लाठीचार्ज और फायरिंग में पुरुष समेत महिलाओं को भी चोट लगी है। अब उनकी सुनवाई कोई नहीं कर रहा है। मंगलवार को खनन साईट पर मौजूद कई बाइकों, धर्म कांटा, मुंशी आॅफिस, पर्ची आॅफिस में आग लगाने के लिए जेसीबी और लोडर को नुकसान पहुंचाया गया है।
हिंसा भड़काने और उपद्रवियों पर गुल्लक में रखे पांच लाख रुपये लूटने या फिर आग के हवाले किए जाने के भी आरोप हैं।

वहीं अब गांव रत्तेवाली में हिंसा के 48 घंटे बाद अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण एक बार फिर धरने पर बैठ गए हैं। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन सरकार के दबाव में कार्य कर रहा है। वह सरकार को अंदरखाते फायदा पहुंचाने के लिए उनके ऊपर झूठे केस दर्ज कर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वह दबने वाले नहीं हैं। प्रशासन को गांव वालों के सामने झुकना होगा और नियमानुसार ही खनन का कार्य होगा।

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