भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

कल हमने समाचार लगाया था कि निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह ने अनेक विकास के कार्यों में घोटाले का संदेह होने पर जांच बिठा दी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन कार्यों पर जांच बिठाई है, उनके अतिरिक्त भी अनेक कार्य ऐसे हैं, जिनमें नागरिकों के पैसे का गमन हो रहा है।
गत 2 नवंबर को निगमायुक्त ने जो जांच बिठाई थी, उसमें पाया गया था कि कुछ फाइलों में अनेक पार्षदों के शायद फर्जी पत्र लिखकर लगाए हुए थे कि पार्षद काम से संतुष्ट हैं। सूत्रों से जानकारी के अनुसार उसमें एक्सइएन गोपाल कलावत का नाम उभरकर आ रहा है।

मजेदारी की बात यह है कि एक्सइएन कलावत ने उन पार्षदों के पत्र भी लगा रखे हैं, जो क्षेत्र गोपाल कलावत के क्षेत्र में नहीं आते। हमारे पास लगभग 12 पार्षदों के पत्र हैं, जिन पर न कोई तारीख है और न नंबर। एक दृष्टि से देखने पर ऐसा अनुमान होता है कि वह उनके लैटर हैड की भी फोटो कॉपी है। खैर, हम क्यों ज्यादा सोच में पड़ें। वर्तमान में तो कमिश्नर साहब ने इंक्वायरी बिठा ही दी है और आशा करेंगे कि जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

इन बातों से एक बात उभरकर आई कि यदि किसी पार्षद के लैटर हैड पर कोई अधिकारी पार्षद की ओर से यह लिखकर लगा देता है कि पार्षद उस कार्य से संतुष्ट है तो पार्षद क्या कर रहे हैं।

पार्षद अपने क्षेत्र की पूरी जानकारी रखते हैं। जानकारी रखने के लिए निगम की ओर से सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं, उसके पश्चात भी उन्हें यह नहीं मालूम कि इनके क्षेत्र में कौन-सा काम हो रहा है। ठीक हो रहा है या नहीं हो रहा है। किस को उन्होंने संतुष्ट काम बताया है और किसे नहीं। जबकि पार्षद को होनी चाहिए, लेकिन फिर भी नहीं हैं। ऐसा कैसे संभव हो रहा है।

इसमें एक बात और जानकारी में आई कि निगम में जो ठेकेदार कार्य कर रहे हैं, उनमें अधिकांश के रिश्ते कहीं न कहीं पार्षदों से या निगम अधिकारियों या कर्मचारियों से हैं। या यूं कहें कि निगम जो टेंडर दिए जाते हैं, वे पार्षदों और निगम अधिकारियों के अनुसार दिए जाते हैं और ठेकेदार भी इसमें संतुष्ट रहते हैं, क्योंकि वे भी किसी न किसी से अपने संबंध बनाए रखते हैं और इस तरह शायद यह नैक्सस चल रहा है।

हम फिर निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह को बधाई देंगे कि उन्होंने यह जांच बिठाई लेकिन जैसा कि हमने ऊपर बताया कि अन्य बहुत से कार्यों की भी जांच होनी चाहिए। अत: हम निगमायुक्त से प्रार्थना करेंगे कि वह ध्यान देकर कहीं ऐसा लगता है कि जनता के पैसे का गमन हो रहा है, तो उसकी जांच कराकर उसे रोका जाए तथा दोषियों के लिए कुछ सजा का भी प्रावधान होना चाहिए।

जनता की ओर से इन सभी की जिम्मेदारी मेयर टीम पर आती है। मेयर टीम को भी सजग होकर पार्षदों के साथ-साथ जनता के पैसे का भी ध्यान रखना चाहिए कि वह पैसा उचित स्थान पर खर्च हो और जहां खर्च हो रहा है, उसमें गबन न हो।