4 नवम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि नाबालिग व बालिग लड़कियों को दूसरे धर्म के युवाओं के प्रेमजाल में फंसाने की घटनाओं को भाजपा सरकार व संघी लव जिहाद का नाम देकर समाज में नफरत व बटवारे की सोच फैलाकर वोट बैंक की क्षुद राजनीति कर रहे है।

विद्रोही ने कहा कि नाबालिग व बालिग लड़कियों के कच्ची उम्र में नासमझी के चलते प्रेमजाल में फंसकर हो रहा यौन शोषण लव जिहाद नही अपितु एक सामाजिक समस्या है। यह कहना केवल मुस्लिम युवा हिन्दू लडकियों को प्रेमजाल में फंसाकर कथित लव जिहाद का खेल खेल रहे है, वस्तुस्थिति से भागना व लोगों में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाकर वोट बैंक की राजनीति के अलावा कुछ नही है। क्या हिन्दू लड़के मुस्लिम लडकियों को प्रेम जाल में नही फंसाते? ऐसे प्रेम को संघी क्या कहेंगे? वहीं कथित लव जिहाद के नाम पर समाज में जहर घोलने वाले संघीयों से विद्रोही ने तीखा सवाल किया कि जब हिन्दू लड़के किसी नाबालिग हिन्दू लडकी को बरगलाकर उसका यौन शोषण करते है, घर से भगाते है, उसे भी क्या लव जिहाद कहेंगे या नही?

कच्ची उम्र में किसी भी धर्म की लड़की हो, उसका गुमराह होकर किसीे अराजक तत्व के प्रेमजाल में फंसना एक सामान्य सामाजिक प्रक्रिया है। ऐसी घटनाओं को लव जिहाद का नाम देकर औच्छी राजनीति करने की बजाय सर्वसमाज को गंभीरता से विचारना चाहिए कि ऐसी घटनाओं को कैसे रोके? वहीं एकतरफा यौन आकर्षण के कथित प्रेम में लडकियों का पीछा करना,े उनसे छेड़छाड़ करना, हमला करना, लड़कियों की हत्या करना लव जिहाद नही अपितु कानून व्यवस्था की समस्या है।

 विद्रोही ने कहा कि सरकार चाहे कांग्रेस की हो या भाजपा की या किसी अन्य दल की हो, लडकियों, बच्चियों, महिलाओं को अराजक तत्वों से बचाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की होती है और यह तभी संभव है, तब प्रदेश की कानून व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त हो। महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं पर पुलिस तत्परता से कठोर कार्रवाई करे। वहीं समाज, अभिभावक ऐसी घटनाओं को दबाने, छिपाने की बजाय ऐसे अराजक तत्वों व मजनुओं पर कठोर कार्रवाई के लिए बेचिझक आगे आये। वहीं ऐसी घटनाओं को हल्के से लेने की बजाय पुलिस-सरकार को भी कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। विद्रोही ने कहा कि संघी सरकारे लव जिहाद को रोकने के नाम पर कानून बनाने का राग अलापकर लोगों को भावनात्मक रूप से भड़काकर वोट बैंक की क्षुद्र राजनीति करने की बजाय कानून व्यवस्था में सुधार लाये व अराजक तत्वों पर अंकुश लगाने पर गंभीरता से ध्यान दे। 

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