भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। गुरुग्राम नगर निगम हमेशा से ही अपने भ्रष्टाचारों के लिए चर्चा में बना रहता है। वर्तमान में निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह ने एक बड़े घोटाले को पकड़ा है और उसकी जांच के आदेश दिए हैं।

निगमायुक्त का कहना है कि उनके पास बड़ी शिकायतें आई हैं कि विकास कार्यों में जिनमें सडक़ के पेच वर्क, गलियां, ड्रेंस, सीवर लाइन आदि में वार्ड पार्षद का एक ही लैटर विभिन्न कामों में लगा हुआ है। इसको देखते हुए निगमायुक्त ने संयुक्त आयुक्त प्रदीप अहलावत को जांच करने के आदेश दिए हैं और जांच रिपोर्ट दो सप्ताह में सौंपने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने संयुक्त आयुक्त को आदेश दिए हैं कि वह जांच अधिकारी को सभी दस्तावेज और संबंधित कागजात उपलब्ध कराएं।

साथ ही उन्होंने सभी संबंधित व्यक्तियों को कहा है कि वे इस जांच में सहयोग करें, जिससे जांच उचित प्रकार से हो सके और जब तक जांच का परिणाम नहीं आता है, तब तक कोई भी पेमेंट न की जाए।

जांच के समय में जिन व्यक्तियों पर ये चार्ज लगे हैं और इसके संबंधित हैं, जैसे ई.ई.एस, ए.ई.एस और जे.ई.एस को को होल्ड पर रखा है।

इन बातों को देखकर यह लगता है कि मेयर टीम इन कार्यों पर कोई ध्यान नहीं दे रही और निगम के मंत्री अनिल विज के संज्ञान में यह बात है कि नहीं या उनसे ये सभी बातें छुपाई जाती हैं।
यह तो हुई वह बात जो निगमायुक्त ने स्वयं देखी है और उन्हें पूरा संदेह है भ्रष्टाचार का, तभी इस प्रकार की जांच बिठाई है लेकिन सूत्रों के अनुसार निगम में विभिन्न प्रकार के अनेक भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं। हम गुरुग्राम की जनता की ओर से निगमायुक्त और मेयर को प्रार्थना करेंगे कि आप इन भ्रष्टाचार के मामलों को रोकें, दोषियों को सजा दें, जिससे जनता के टैक्स का पैसा उचित स्थान पर लग सके।

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