फर्रुखनगर क्षेत्र में पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाही.
पराली जलाई तो 15000 रुपए जुर्माने का हैं प्रावधान

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
  दिल्ली एनसीआर में नियंत्रण बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण के ग्राफ पर अंकुश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उठाए गए कदम के बाद फर्रुखनगर क्षेत्र में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ भी स्थानीय कृषि विभाग प्रशासन ने सख्ती करनी शुरु कर दी है। कृषि अधिकारियों ने क्षेत्र के दो किसानों पर पराली जलाने से 2500-2500 रुपए का जुर्माना वसुला है।

खंड कृषि अधिकारी नरेंद्र यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पराली जलाने से रोकने को सुनिश्चित बनाने के कड़े निर्देशों के तहत ही प्रदेश सरकार ने किसानों पर सख्ती दिखाई। अक्टूबर-नवंबर के दिनों में किसानों द्वारा पराली जलाई जाती है। जिसके कारण  हवा प्रदूषण बिगड़ने से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। जिसके चलते उनकी टीम ने फर्रुखनगर खंड के गांव जोनियावास और बसुंडा के एक एक किसान पर पराली जलाने की ऐवेज में 2500-2500 रुपए का जुर्माना किया गया है। किसानों ने जुर्माना राशि भी जमा कर दी है।

उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह किसी भी प्रकार की फसल के अवशेष को आग के हवाले ना करे। इससे पर्यावरण प्रदूषण में बढौतरी तो होती ही है साथ में जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है, फसल की सुरक्षा और सहयोगी कीट पतंगे, जानवर , पेड पौधे आदि जल कर नष्ट हो जाते है। इसलिए किसान पराली ना जलाये। अगर कोई किसान पराली जलाते हुए पकडा जाता है तो नियम अनुसार 2 एकड़ तक 2500 रुपए, 5 एकड़ पर 5000 रुपए तथा 5 एकड से ज्यादा भूमि की पराली जलाई जाती है तो 15000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। 

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