गुरूग्राम, 2 नवंबर। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा बच्चों व युवाओं को हिंसा व दुव्र्यवहार की रोकथाम के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान की आज शुरूआत की गई। इस अभियान को सफल बनाने के लिए नवज्योति इंडिया फाउंडेशन द्वारा सहयोग किया जा रहा है जिसमें वीमेन्स वल्र्ड समिट फाउंडेशन जिनेवा भी साथ मिलकर काम कर रही है। यह अभियान आज से शुरू होकर 19 दिनों तक चलेगा। आज इस जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी ने किया। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी ने बताया कि अभियान के दौरान वेबिनार के माध्यम से कई गतिविधियां जैसे पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग, लेखन, समाचार बुलेटिन इत्यादि सहित अधिवक्ताओं द्वारा माता पिता के साथ गुड पेरेंटिंग के उपर इंटरेक्टिव सैशन आदि करवाए जाएंगे। इसके साथ ही बाल यौन हिंसा और दुर्व्यवहार की रोकथाम, बुलिंइंग, बाल श्रम, अपहरण, पारंपरिक हानिकारक प्रथाओं की रोकथाम, कुपोषण की रोकथाम, बाल यौन शोषण सामग्री और आईसीटी के खतरों की रोकथाम, बच्चों की और ध्यान न देने के कारण शारीरिक व मानसिक प्रभाव, शैक्षिक प्रभाव, शारीरिक दंड की रोकथाम आदि पर जागरूकता सैशन करवाए जाएंगे और उन्हें कानूनी अधिकारों की जानकारी दी जाएगी। श्री चैधरी ने सभी माता-पिता और हितधारकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों के दोस्त बनें, उनसे बात करें, उनके लिए समय निकालते हुए उनके साथ खेलें। समजा में प्रत्येक अभिभावक की सर्वप्रथम अपने बच्चों की घर में सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए तभी वे स्वयं का रक्षण कर सकते हैं। यदि बच्चो के साथ बचपन में दुव्र्यहार होता है तो भविष्य में यह उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से प्रभावित करता है जिसके भविष्य में नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ यौन शोषण व हिंसा जघन्य अपराध है इसलिए जरूरी कि बच्चों को इस बारे में सहजता से समझाते हुए जागरूक किया जाए ताकि उस समस्या का स्थाई समाधान किया जा सके। कार्यक्रम में भाग लेने वाले पहुंची दक्षिण क्षेत्रीय संसाधन केंद्र चाइल्डलाइन इंडिया की प्रमुख अनुराधा विद्याशंकर ने भी अपने विचार सांझा करते हुए बच्चों और युवाओं के खिलाफ हिंसा व दुर्व्यवहार के आंकड़े प्रस्तुत किए। जिंदल स्कूल ऑफ साइकोलॉजी और काउंसलिंग, ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर और एसोसिएट डीन डॉ मंजुश्री पालित तथा सर्वाेच्च न्यायालय और फांडिंग मेंबर के एडवोकेट शशांक शेखर ने कानून सम्बंधित और पोकसो एक्ट में दिए गए प्रावधानों के बारे में बताया। इस मौके पर ग्रामीण प्रबंधन और प्रशिक्षण संस्थान की निदेशक चांदनी बेदी ने बच्चों और युवाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार की रोकथाम के लिए सामाजिक क्षेत्र में सभी हितधारकों जैसे अभिभावक, सरकारी विभाग, निजी विभाग, कानून, पुलिस, गैर सरकारी संगठन, मीडिया इत्यादि के उत्तरदायित्वों के बारे में जानकारी देते हुए महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी दी।0 0 0 Post navigation जिन बच्चों को सुनने व बोलने में है दिक्कत, उनका होगा निःशुल्क आप्रेशन ’बदलते मौसम व त्यौहार के अवसर पर कोरोना से बचाव जरूरी – उपायुक्त’