चण्डीगढ़ ।  प्रदीप त्रिवेणी ने बच्चों को चण्डीगढ़ स्थापना दिवस और हरियाणा दिवस के बारे में बताया हमारी भारतीय सभ्यता, आर्य सभ्यता परोपकार की सभ्यता है, संस्कार की सभ्यता है। हम सबको चंडीगढ़ को हरियाणा को सत्य मार्ग पर, न्याय के पथ पर चलाना है। आज हरियाणा दिवस पर, चंडीगढ़ स्थापना दिवस पर हम सब संकल्प लें कि जिन राष्ट्रीय सिद्धांतों और मूल्यों की स्थापना के लिए हरियाणा का गठन किया गया, चंडीगढ़ की स्थापना की गई, वे शीघ्र अति शीघ्र पूरे हो।

 चंडीगढ़ स्थापना दिवस पर बच्चों को बताया की चंडीगढ़ की विश्व पटल पर पहचान है । हरियाली की वजह से यहां ज्यादातर पेड़ औषधियों वाले लगे हुए हैं । रोडों के किनारे पार्कों में व अन्य जगहों पर । इस शहर को प्रदूषण मुक्त रखना है तो ट्राइसिटी में अधिक से अधिक पौधारोपण हो और अधिक से अधिक साइकिल का प्रयोग किया जाए तो, ट्राइसिटी और ट्राइसिटी में रहने वाले सभी लोग और भी ज्यादा स्वस्थ रह पाएंगे।

बहुत से लोग घरों में  शीशम की लड़की के कई फर्नीचर बनाने में ही प्रयोग करते हैं । अधिकांशतः शीशम का उपयोग उसकी मजबूत लकड़ी के लिए ही किया जाता है। लेकिन इसके अलावा शीशम हम कैंसर जैसी बीमारियों में भी इसके पत्तों का उपयोग करके नियंत्रण कर सकते हैं। ज्यादातर इसके पत्तों का उपयोग किया जाता है। हरियाणा में प्रायः घरों और खेतों व सड़कों के किनारे मिलेगी हरियाणे का मुख्य पेड़ है।

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