दस साल में भी दर्ज नही करवा पाया एचएसवीपी विभाग अपनी जमीन का इंतकाल

भूमि अर्जन व एचएसवीपी के अधिकारी दे रहे सीएम विंडो पर गलत रिर्पोट

 चंडीगढ़, 1 नवम्बर  । हरियाणा शहरी सम्पदा विभाग के भूमि अर्जन कलेक्टर कार्यालय पंचकूला ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण विभाग पंचकूला के लिए कालका व पिंजौंर में सैक्टरो बाबत 2010 में जमीन का अवार्ड किया था। अवार्ड का पैसा लगभग सभी जमीन मालिकों को मिल चुका है। मगर 10 साल गुजर जाने के बाद भी जमीन का इंतकाल दर्ज न होने के कारण एचएसवीपी विभाग राजस्व रिकार्ड में आज तक जमीन का मलिक नही बन पाया है। जिसको लेकर दीपक कुमार निवासी इस्लाम नगर कालका ने सीएम विंडो पर नम्बर 106471 तारीख 20 अक्तुबर 2015 को शिकायत दर्ज भी करवाई थी। मगर यह शिकायत 5 साल से भूमि अर्जन कलैक्टर अधिकारी, एचएसवीपी के अधिकारी, कालका तहसीलदार व कालका एसडीएम की रिर्पोटो में ही घूम रही है। सभी अधिकारी सीएम विंडो पर टेकन एक्सन रिर्पोट भरकर अपना पीछा छूटा रहे है। कोई भी अधिकारी सीएम विंडो की शिकायत को गम्भीरता से नही ले रही है। जबकी सरकार ने जुलाई 2015 में भ्रष्ट्राचार पर लगाम लगाने के लिए म्यूटेशन यानी इंतकाल शून्य करने के आदेश जारी किए गए थे। जो आदेश ही बनकर रहे गए। इंतकाल न पास होने के कारण वहा की जमीन गलत तरीके से एसओसी जारी कर खुर्द-बूर्द की जा रही है।

एचएसवीपी विभाग ने 2008 में सैक्शन 4 के बाद सैक्शन 6 में 1891 बीधा 19 बिसवा जमीन अधिग्रहण की थी। बाद में 87 बीधा 05 बिसवा डीएलएफ, 948 बीधा 06 बिसवा इरो को किसी मामले में दी गई। एचएसवीपी विभाग के पास 856 बीधा 08 बिसवा जमीन बची थी। अवार्ड 1010 बिसवा का हुआ था। आसपास में कोई भी खेती बाड़ी के लिए जमीन नही बची थी। कुछ मकानो की जमीन रिलिज हुई थी। जबकी 19 मार्च 2019 की सीएम विंडो एटीआर रिर्पोट में एचएसवीपी विभाग का पटवारी इस जमीन का 2953 नम्बर इंतकाल दर्ज का हवाला दिया है।

कालका निवासी दिनेश शर्मा, ताराचंद व बलदेव राज ने कहा कि भूमि अर्जन कलैक्टर पंचकूला, एचएसवीपी के अधिकारी व कालका के अधिकारी सीएम विंडो पर सीएम विंडो पर एटीआर में गलत रिर्पोट कर सरकार को गुमराह करने का कात कर रहे है। जो की जांच का विषय है। अधिकारी राजस्व पटवारी के पास इंतकालो की संख्या सैकड़ो में बढती जा रही है। आखिर यह दूसरे इंतकाल कोैन सी जमीन के दर्ज हो रहे है। मुख्यमंत्री से जमीन की गलत तरीके से एसओसी देना व सीएम विंडो पर एटीआर में गलत रिर्पोट देने के मामले की जांच की मांग की है।

इस बारे तहसीलदार कालका का कहना है कि एचएसवीपी के पटवारी व कानूनगो द्वारा दर्ज किए गए इंतकाल में बहुत गलतियां पाई गई थी। जिसके कारण इंतकाल विभाग को वापिस भेज दिए गए थे।

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