प्रशासक एचएसवीपी ने किए एनओसी नही जारी करने के आदेश
भूमि अर्जन कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारियों में मचा हडकप

चंडीगढ़, 26 अक्तूबर। हरियाणा शहरी सम्पदा विभाग का भूमि अर्जन कलेक्टर सैक्टर 8 के पंचकूला कार्यालय में फर्जी एनओसी जारी करने का मामला संज्ञान में आते ही प्रशासक एचएसवीपी सैक्टर 6 पंचकूला ने एनओसी बन्द करने के आदेश जारी कर दिए। प्रशासक एचएसवीपी के लिखित आदेशो में कहा गया है कि कोई भी भूमि अर्जन कलेक्टर कार्यलय का पटवारी एनओसी जारी नही करेगा।

जिसको लेकर गलत एनओसी जारी करने वाले कर्मचारियों में हडकंप मच गया है। सभी कर्मचारी मामलें को दबाने में जूटे हुए है। गलत तरीके से एनओसी देकर एचएचवीपी की अधिग्रहण की जमीन को रिलीज करवाया जा रहा था। यह कार्य कई सालों से जारी था। जबकी उस जमीन का मालिक मुआवजा भी ले चुके है। इस कार्यालय के अर्तगत जिला कैथल, करनाल, पंचकूला, यमुननगर, अम्बाला, कुरूक्षेत्र के 250 के करीब सैक्टरो की जमीन आती है।

ऐसे ही एक मामला कालका के इसलाम नगर का सामने आया है। कालका में सैक्टर के लिए 6 बिघा-16 बिसवा पर सैक्सन 4 लगी थी। सैक्सन-6 में खसरा नम्बर 56 में 5 बिसवा में रैजिडेंसल मकान बना हुआ था। जिसके कारण बाद में सैक्सन 6 में 6 बीघा 11 बिसवा रह गई। जिसका सैक्सन-9 में 6 बीघा 11 बिसवा का अवार्ड भी हो गया। मगर हेरफेर करके डेढ बिसवा के करीब जमीन छोड़ दी गई। खसरा नम्बर 56 में ज्वाईट खेवट में एक दिल्ली की पार्टी के नाम जमीन थी। उससे जमीन खरीदकर कैथल जिले की कलायत तहसील से पावर आॅफ अटार्नी ली गई। पार्टी दिल्ली की पावर आॅफ अटार्नी कैथल की तहसील कलायत से लेना सरासर हेराफरी दिखाई दे रही है। जिसका बाद में इंतकाल नम्बर 2622 व 2633 भी दर्ज कराया गया।

इस गोरखधंधा में भूमि अर्जन कलेक्टर कार्यलय व एचएसवीपी के कर्मचारी शामिल थे। इस जमीन का सैक्सन-9 में 6 बीघा 11 बिसवा का अवार्ड होने के बाद भी एचएसवीपी के नाम इंतकाल दर्ज नही हआ है। यदि 6 बीघा 11 बिसवा का एचएसवीपी के नाम इंतकाल दर्ज होगा तो हेरफेर अपने-आप पकड़ में आ जाएगा। राजबीर सिंह पंचकूला निवासी ने मुख्यमंत्री मनोंहर लाल, हरियाणा शहरी सम्पदा विभाग व प्रशासक एचएसवीपी से इस कार्यालय से जारी सभी एनओसी की जांच की मांग की है।  

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