हांसी ,25 अक्तूबर  । मनमोहन शर्मा

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) इस जानकारी से स्तब्ध है कि मुंबई पुलिस ने सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के एक असामान्य मामले में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के पूरे संपादकीय स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज करके प्रेस की स्वतंत्रता का मुहं बंद करने का प्रयास किया है। पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के सभी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके आपातकाल के काले दिनों को भी पीछे छोड़ दिया है। आपातकाल में भी एक साथ किसी संस्थान के सभी पत्रकारों को इस प्रकार निशाना नहीं बनाया गया था। इससे पहले मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को एक नोटिस जारी करके चैनल की शुरुआत से अबतक के हर लेन देन का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इस घटनाक्रम से लगता है कि मुंबई पुलिस किसी निजी रंजिश का बदला लेने के लिए सभी मर्यादाओं को तार-तार कर रही है जो निंदनीय है।

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) अध्यक्ष मनोज मिश्र तथा महासचिव सुरेश शर्मा ने एक वक्तव्य में मुंबई पुलिस के इस कदम की भर्त्सना करते हुए मांग की है कि पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाए। एनयूजे (आई) प्रेस कॉउन्सिल ऑफ़ इंडिया से मांग करती है कि तत्काल इस मामले वह स्वतः संज्ञान लेकर मीडिया की अभिव्यक्ति की आज़ादी की सुरक्षा की दिशा में कदम उठाए। हमारा प्रेस काउंसिल से अनुरोध है कि मीडिया के स्वतंत्र कामकाज में व्यवधान के इस गंभीर मामले का अविलंब संज्ञान लें। भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह से एन यू जे – आई नेतृत्व की अपील है कि वे इस मीडिया संस्थान और पत्रकारिता के दमन पर जल्द हस्तक्षेप करें जिससे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अपने दायित्वों का खुले वातावरण में निर्वहन कर सके। एनयूजे (आई) कार्यपालिका और न्यायपालिका से भी इस मामले में प्रभावी कार्रवाई की अपेक्षा रखती हैं।

यह जानकारी पत्रकार नेता व राष्ट्रीय र्साचव सोमनाथ शर्मा  ने भी इस घटना की घोर शब्दों में निन्दा करते हुए केस को वापिस लिया जाए ।

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