26 अक्टूबर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अफसरों की नियुक्तियों में संघी प्रयोग से प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे के लडखडाने की स्थिति आ गई है। एक कैडर के लिए आरक्षित नौकरियों पर दूसरे कैडर के अधिकारियों को दी जा रही पोस्टिंग से अफसरशाही में पनपते असंतोष से प्रशासन कार्य प्रभावित होने लगे है।

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में मलाईदार पोस्टों पर नियुक्तियों के लिए खुली बोली लग रही है। जो भी संघी पदाधिकारियों को मोटा चढ़ावा देता है, उसे मनचाही पोस्टिंग मिल रही है। संघ चुन-चुनकर अपनी विचारधारा के समर्थक अफसरों को जिन पोस्टों के लिए वे पात्र भी नही है, वह पोस्ट भी दिलवा रहा है। प्रदेश में आईएएस एचसीएस कैडर की नौकरियों पर इनसे बहार के कैडर के अफसरों को चुन-चुनकर लगाया जा रहा है। हरियाणा में अफसरों की पोस्टिंग उसकी दक्षता, कार्यक्षमता, सर्विस रिकार्ड के आधार पर ना होकर उसके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बन्ध के आधार पर हो रही है जो बडी चिंता का विषय है।

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर संघ की रबर स्टैम्प की तरह काम कर रहे है। सीएमओ कार्यालय का संचालन नागपुर से संघ के आदेशानुसार होता है। नागपुर जो भी आदेश देता है, मुख्यमंत्री खट्टर कठपुतली की तरह उस पर केवल अपनी मोहर लगाते है। कठपुतली सीएम के चलते प्रदेश में कुशासन व भ्रष्टाचार तो बढ़ ही रहा है, वहीं संवैद्यानिक नियमों-कायदों की धज्जियां उडाकर संघी नियम-कायदों अनुसार सरकार व प्रशासन को चलाकर लोकतंत्र के नाम पर फासीज्म थोपा जा रहा है।

  विद्रोही ने कहा कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री एक वर्तमान मंत्री के साथ दशहरा अवसर पर भाषा की मर्यादा का उपदेश झाडऩा अपने आप में ही आश्चर्यजनक है। उक्त पूर्व मंत्री व पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सार्वजनिक मंचों से राष्ट्र निर्माता व देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को माईक पर कई बार गालिया दे चुके है। वहीं नेहरू-गांधी परिवार के प्रति आपत्तिजनक भाषा सार्वजनिक मंचों से प्रयोग करके सभी मर्यादाओं की सीमा को लांघ चुके है। ऐसा व्यक्ति दशहरा अवसर पर विपक्ष को भाषा की मर्यादा का पाठ पढ़ाये, इससे अधिक अनैतिकता और क्या हो सकती है?

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