पगार 10 हजार, करोड़ो के मालिक कर्मचारी

 चडीगढ़, 25 अक्तूबर । हरियाणा शहरी सम्पदा विभाग का भूमि अर्जन कलेक्टर कार्यालय पंचकूला सैक्टर 8 में दस हजार वेतन पाने वाले कॉन्ट्रेक्ट के कर्मचारी करोड़ों के मलिक है। पंचकूला व प्रदेश में दूसरे जिलों कोठी, फ्लैट व फार्म हाऊस है। यह कर्मचारी 50-60 लाख रूपए की बड़ी-बड़ी गाड़ियो में चलते है। इस कार्यालय में जमीन के अवार्ड का पैसा पानी की तरह मिलीभगत कर गलत बांटा गया।

इस बात की जानकारी विभाग के सभी अधिकारियों को भी है, उंची पहुंच के चलते कोई भी अधिकारी व कर्मचारी इनके खिलाफ लिखने व बोलने की हिम्मत नही कर पा रहा है। जिस भी कर्मचारी ने हिम्मत की, उसी कें खिलाफ विभाग में मामले दर्ज करवाए गए। इसी विभाग में कार्यरत पटवारी राजबीर ने जब पंचकूला के एक सैक्टर अवार्ड मामले में दखलंदाजी तो 16 करोड़ 38 लाख की पंचकूला की गलत पेमैंट वाली एक फाईल ही गुम कर दी गई। जिसके कारण जेल की हवा खानी पड़ी। और नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा।

राजबीर ने बताया कि गांव चौकी तहसील पंचकूला के सैक्टर 32 एलए केस 359/2004/2009 हरमाला कौर आदि केसो में प्रॉपर जांच नही हुई। जबकी केस की राशि की मांग करते वक्त कार्यालय के संज्ञान में आ गया था कि यह पैमेंट गलत भेजी जा रही है। इस मामले बारे सरकार ने दोषी कर्मचारियों से पूरी तरह से जांच करनी चाहिए। जबकी यह पैमेंट जानबुझकर सैटिंग के तहत दी गई थी। इस केस में सरकार को लगभग 77 करोड़ का नुकसान हुआ था। यह पैमेंट मोटी रिश्वत लेकर की गई थी। जिससे कारण राजस्व विभाग को भी अलग से 5 करोड़ चालीस लाख का नुकसान भी हुआ था। क्योकी जिस मलिक की जमीन अर्जित होती है सरकार के नियम के अनुसार आगें जमीन खरीदने के लिए स्टाम्प डयूटी माफ की जाती है। स्टाम्प डयूटी माफी कर्मचारी के खिलाफ कोई जांच नही हुई। जिसके कारण असली दोषी बच गए। जिन लोगो ने जमीन बेच रखी थी उन्हे ही दूबारा पैमेंंट दे दी गई। असली आदमी पैंमेंट से वंचित रहे।

राजबीर सिंह पंचकूला निवासी ने बताया कि उन्होने यह सब शिकायत सीएम विंडो व मुख्यसचिव हरियाणा को भेजी हुई है। सरकार से अब जांच की उम्मीद बंधी है। सरकार ने पिछल्ले हफ्ते जांच के आदेश दिए है। सरकार यदि इस कार्यालय में सभी मामलो की गहराई से जांच करे तो करोड़ो रूपए के फ्रॉड पकड़ में आ सकते है।

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