इलेक्ट्रिकल सप्रे पंप की कोटेशन का है यह मामला. फर्म एक साल पहले बंद और मृतक के हस्ताक्षर भी. कच्ची रसीद पर ही खरीद लिए 45 सौ रूपए के मास्क फतह सिंह उजाला पटौदी। हाल ही में हेलीमंडी नगर पालिका के साथ-साथ पालिका चेयरमैन, पालिका सचिव सहित अन्य अधिकारी उस समय चर्चा में आ गए, जब गुरुग्राम अदालत के आदेश पर पटौदी थाना में भ्रष्टाचार अधिनियम सहित भादस की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया । अब एक और बहुत ही चैंकाने वाला मामला सामने आया है । जब एक के बाद एक इस प्रकार के मामले सार्वजनिक हो रहे हैं तो फिर हेलीमंडी पालिका , यहां के प्रतिनिधि कहते हैं कि क्यों हेलीमंडी नगर पालिका को बदनाम किया जा रहा है ? जो भी कुछ कहा जा रहा है , वह पालिका के द्वारा आरटीआई के जवाब में दिया गए दस्तावेजों के आधार पर ही सार्वजनिक किया जा रहा है । इसी कड़ी में एक और बेहद चैंकाने वाला मामला सामने आया है। हेलीमंडी नगर पालिका के द्वारा इलेक्ट्रिकल सप्रे पंप के लिए कोटेशन आमंत्रित की गई । अब यह अपने आप में हैरान करने से अधिक मुकदमा दर्ज किए जाने वाली बात है कि जो फार्म कथित रूप से एक वर्ष पहले ही बंद हो चुकी और इसके दो पार्टनर बताए गए । उसी फर्म के लेटर हेड पर हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा 25 मार्च 2020 को इलेक्ट्रिकल स्प्रे पंप के संदर्भ में कोटेशन ली गई । सूत्रों के मुताबिक यह फर्म दो भाइयों के द्वारा संचालित थी । 25 मार्च 2020 को हेली मंडी पालिका के द्वारा जो कोटेशन प्राप्त की गई उस कोटेशन पर जो हस्ताक्षर हैं वह कथित रूप से फर्जी हैं और सीधे शब्दों में जो हस्ताक्षर किए गए, उस व्यक्ति का 8 वर्ष पहले ही स्वर्गवास हो चुका है । यह अपने आप में हैरान करने वाला चैंकाने वाला खुलासा सामने आया है , फिर कहते हैं कि हेली मंडी पालिका में कोई भ्रष्टाचार नहीं हो रहा। पालिका के चुने हुए जनप्रतिनिधि सार्वजनिक मंच पर छाती ठोक कर बोलते हैं कि एक पैसे का भी घोटाला हेली मंडी नगर पालिका में नहीं हो रहा है । अब इसी कड़ी में आगे बढ़ते हैं की 21 मार्च 2020 को हेलीमंडी पालिका प्रशासन के द्वारा 15 मास्क खरीदे गए । प्रति मास्क 300 रूपए के हिसाब से विक्रेता फर्म को कुल 4500 का भुगतान किया गया । अब सवाल यह है की करोना काल के दौरान 22 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा 14 घंटे का जनता कर्फ्यू देशभर में लगाया गया । इसके बाद 25 मार्च से 14 अप्रैल 2020 तक 14 दिन के लिए संपूर्ण लॉकडाउन घोषित किया गया। हैरानी की बात है मास्क पहनने जैसी अनिवार्यता की अधिकारिक अधिसूचना जारी भी नहीं हो सकी थी और इससे अधिक हैरानी की बात यह है की हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा जो 15 मास्क खरीदे गए , वह किस कंपनी के थे, किस दुकान से खरीदे गए ? इसके विषय में कोई भी पक्का बिल ना होकर एक कच्ची रसीद बनी हुई है । जानकारों के मुताबिक कच्ची रसीद भी बनती है और उस पर भुगतान भी किया जाता है तो भुगतान प्राप्तकर्ता की कम से कम स्टैंप अथवा मुहर के साथ-साथ भुगतान के लिए रसीदी टिकट पर हस्ताक्षर होना अनिवार्य है । लेकिन ऐसा कुछ भी इस खरीद-फरोख्त के मामले में दिखाई नहीं दे रहा है । सूत्रों के मुताबिक यह तो एक छोटी सी शुरुआत है , इस प्रकार के अनगिनत मामले हैं । जिनकी जानकारी आरटीआई के बदले पालिका प्रशासन के द्वारा दिए गए जवाब में अपनी कहानी अपने आप ही बयान कर रहे हैं । फिर कहते हैं कि हेली मंडी पालिका प्रशासन को बदनाम किया जा रहा है । Post navigation शहीद पुलिसकर्मी देते हैं प्रेरणा: डीसीपी निकिता रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का खत्मा सरकार की प्राथमिकता: महेश चौहान