सरकार ने दिए जांच के आदेश रमेश गोयत पंचकूला। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण विभाग पंचकूला सैक्टर 8 के भूमि अधिग्रहण कार्यालय में कांट्रक्ट के एक पटवारी को कांग्रेस सरकार में नायाब तहसीलदार बना दिया गया। जबकी यह पटवारी 1995 में पटवारी का पेपर भी फेल है। इस पटवारी पर अधिकारी व सरकार इतनी मेहरबान रही की पटवारी का पेपर भी फेल होते हुए भी कांट्रक्ट के तहत लगें होने के बावजूद रेगलूर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के केस उमा देवी का हवाला देकर पक्का कर दिया। विभाग में लगें दूसरे सभी पटवारियों को निकाल दिया। यहा तक भी उपरौक्त पटवारी बीसी कैटागरी में आता है। फिर भी उस गलत तरीके से एससी केटागरी में प्रमोशन देकर नायाब तहसीलदार बनाया गया था। विभाग के कई कर्मचारी इस गलत तरीके से पटवारी का पेपर भी फेल व प्रमोशन को लेकर सीएम विंडों पर शिकायत दर्ज करवाई थी। बडी पहुंच व मेल जोल के कारण जांच भी नही होने दी जा रही थी। इस विभाग में लगें सभी कांट्रक्ट के पटवारी 10 हजार रूपए बेतन लेते थे। मगर सभी अब करोड़ों के मालिक बने बैठे है। जो कि सरकारी के लिए जांच का विषय है। एचएसवीपी विभाग में पैसे लेकर गलत तरीके से एनओसी भी दी जा रही है। हेराफरी के चक्कर में कई कर्मचारी जेल की सजा भी भुगत चुके है। पंचकूला के अधिकतर सैक्टरों में प्लाट व फ्लेटों के मालिक बने बैठे है। राजबीर सिंह ने विभाग के कई कर्मचारी इस गलत तरीके से पटवारी का पेपर भी फेल व प्रमोशन को लेकर सीएम विंडों पर 13 फरवरी 2019 को शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत पर सरकार ने सुनवाई करते हुए मगलवार को भूपेश्वर दयाल ने शहरी संपदा विभाग में गलत तरीके से भर्ती हुए पटवारी जो अब पदोन्नत होकर नायब तहसीलदार बन गया है, उसके विरुद्ध एक सप्ताह के अन्दर-अन्दर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा है। Post navigation मुख्यमंत्री शहीद पुलिस कर्मियों को स्मृति दिवस पर देंगे श्रद्धांजलि माता के चरणों में 10 लाख 91 हजार 785 राशि नकद श्रद्धालुओं ने चढाई