हीरो ऑफ नेफा शहीद दलीप सिंह की 59 वी पुण्यतिथि मनाई.
आर्य समाज मंदिर परिसर जाटोली में गरिमा पूर्ण तरीके से मनाई.
1962 भारत-चीन युद्ध के पटौदी क्षेत्र से जाटोली के पहले शहीद

फतह सिंह उजाला

जाटौली ।   सैनिक जब सीमा पर तैनात होता है तो उसका एक ही लक्ष्य और उद्देश्य होता है, देश की सीमा के भीतर प्रत्येक जीव सुरक्षित रहे। इन जीवो में आम इंसान, राजनेता, किसान ,मजदूर अन्य सुरक्षा बलों से जुड़े जवानों के परिजन , जो भी कोई देश की सीमा में रह रहा हो केवल और केवल उसकी सुरक्षा का ही ध्यान रहता है । जब मौत सामने खड़ी हो और मुकाबला हो जाए , तो मौत को केवल फौलादी जिगर  का सैनिक ही मौत को मात देने का कलेजा दिखाता है ।

ऐसा ही कुछ कारनामा पटौदी क्षेत्र के राजपूत बहुल गांव जाटोली के युवा सैनिक दलीप सिंह के द्वारा किया गया । महज 21 वर्ष की अल्पायु में ही अपनी नवविवाहिता पत्नी का बिना मुंह दिखे युद्ध के लिए रवाना होने के बाद,  खबर आई तो उनके केवल शहादत होने की ही आई । यह खबर मंगलवार 20 अक्टूबर 2020 से 59 वर्ष पहले आई थी।  यह एक बानगी रही कि राजपूत खून और राजपूत जवान का देश की रक्षा के प्रति किस प्रकार का जज्बा रहता है। आधुनिक हथियारों से लैस चीन की सेना से युद्ध करते हुए जांबाज युवा दलीप सिंह ने अंतिम समय तक हिम्मत नहीं हारी और 303 राइफल ही संगीन से ही चीनी सेना के 20 सैनिकों को मौत के घाट उतारने के बाद अपने सीने पर गोलियां झेलकर प्राणों की आहुति राष्ट्रहित सहित हम सभी की सुरक्षा के लिए खुशी खुशी दे दी । शहीद दलीप सिंह का विवाह थोराबनकापुर की रामावती के साथ हुआ था । जैसे ही बारात के साथ अपनी पत्नी को लेकर जाटोली पहुंचे,  तो घर पर सेना का पत्र पहले से पहुंचा हुआ था कि अविलंब अपनी सेना की यूनिट में रिपोर्ट करें। बिना देरी किए जांबाज युवा दलीप सिंह पटौदी स्टेशन से ही ट्रेन पकड़ कर देश की रक्षा और चीन को सबक सिखाने के लिए रवाना हो गए ।

आज भी वीरांगना रामावती संपूर्ण महिला वर्ग के लिए एक प्रेरणा बनी हुई है कि किस प्रकार से जीवट धारी जीवन को दिया जा सकता है । मंगलवार को हीरो ऑफ नेफा, शहीद दलीप सिंह की 59 वीं पुण्यतिथि आर्य समाज मंदिर जाटोली परिसर में गरिमा पूर्ण तरीके से मनाई गई । इस मौके पर मुख्य अतिथि पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार मौजूद रहे । एसडीएम ने विभिन्न वक्ताओं के द्वारा शहीद और शहीदों के साथ-साथ शहीद स्मारक के संदर्भ में रखी गई मांगों के संदर्भ में कहा की वह स्वयं भी सेना में कार्य कर चुके हैं और सैनिक का जीवन कैसा होता है भली-भांति जानते हैं । उन्होंने आश्वासन दिलाया कि शहीद दलीप सिंह स्मारक समिति और समाज जिस भी प्रकार का शहादत के सम्मान को जिंदा रखने के लिए प्रस्ताव लेकर आएगा, उसे पूरा करवाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा ।

इस मौके पर शहीद समारोह के अध्यक्ष पूर्व प्रिंसिपल जगत सिंह, पूर्व डीएसपी विक्रम सिंह, पूर्व चेयरमैन जगदीश सिंह, राय सिंह चैहान, पूर्व एमएलए रामवीर सिंह, हेली मंडी पालिका के चेयरमैन सुरेश यादव, पार्षद राजेंद्र गुप्ता, हेली मंडी पालिका के पूर्व चेयरमैन शिव कुमार गुप्ता , कमांडर योगेंद्र चैहान, रवि चैहान, विजय पाल सिंह चैहान, दिनेश शास्त्री, रमेश गर्ग सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे । इससे पहले हीरो ऑफ नेपाल शहीद दलीप सिंह की पुण्यतिथि के मौके पर जसात कन्या गुरुकुल की  विदुषी आर्य छात्राओं के द्वारा हवन यज्ञ सहित मंत्रोच्चारण के माध्यम से हुतात्मा को याद किया गया ।

फिर उठा शहीद स्मारक मुद्दा

बीते करीब 2 दशकों से भारत और चीन युद्ध के पहले शहीद दलीप सिंह के मान सम्मान को बनाए रखने के साथ-साथ युवा वर्ग को प्रेरणा देने के लिए शहीद स्मारक बनाए जाने की मांग क्षेत्र के लोग करते आ रहे हैं । 18 जनवरी 2018 को दक्षिणी हरियाणा के अट्ठारह सौ सत्तावन युद्ध के शहीद के वंशज के राजनेता के हाथों शहीद स्मारक स्थल का शिलान्यास करवाया गया । लेकिन किंतु-परंतु और तकनीकी  तकनीकी खामियों के कारण, कथित राजनीति के चलते यह स्मारक सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बावजूद भी अंतिम समय में निर्माण से पहले ही इसकी परियोजना धराशाई हो गई ।

एक बार फिर मिला आश्वासन

2 वर्ष पहले शहीद स्मारक बनाने का आश्वासन दे चुके हेली मंडी पालिका के चेयरमैन के द्वारा मंगलवार को एक बार फिर से पालिका हाउस और सदन के दस्तावेज दिखाते हुए भरोसा दिलाया गया कि शहीद स्मारक के निर्माण में जो भी बाधाएं आ रही थी उनका समाधान हो चुका है । गुरुग्राम निगमायुक्त के द्वारा हेली मंडी क्षेत्र में शहीद स्मारक बनाए जाने की मंजूरी प्रदान कर दी गई है । शहीद परिवार चाहेगा तो सही समय पर शहीदों की प्रतिमाएं भी स्थापित कर सकेंगे। शहीद स्मारक के लिए जल्द ही टेंडर की औपचारिकताएं भी पूरी कर दी जाएंगी।

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