भिवानी/मुकेश वत्स हरियाणा प्राईवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा है कि निरंतर अस्वीकार्य एवम बड़ी त्रुटियों को करते हुए, हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने अपने पहले के रिकॉर्ड को और निम्न स्तर ले जाने का कार्य किया है। पहले जब इस बात को संघ के पदाधिकारियों ने बोर्ड के संज्ञान में लाने का कार्य किया तो उल्टा संघ के स्कूलों पे तुगलकी फरमान चस्पा कर दिए गए। ये रिकॉर्ड दिखाओ, वो रिकॉर्ड दिखाओ आदि। यह निरंकुशता हावी होती जा रही थी। तब न तो कोई समाधान निकाला गया और न ही कोई खेद प्रकट किया गया। अब सचिव ने न केवल खेद प्रकट किया है वरन संबंधित शिक्षकों पे उपयुक्त प्रसाशनिक कार्यवाही भी की है। यह प्रकरण हिसार जिले के दौलतपुर के सरकारी उच्च विद्यालय के 25 बच्चो के परिणाम से संबंधित है, पहले तो 59 में से सब बच्चे पास दिखाए गए और अब 25 बच्चों को 4 महीने बाद, फेल कर दिया गया। इन बच्चों पर ये वज्रपात सा ही हो गया है। ये बच्चे ग्यारहवीं में एड्मिसन लेके अपनी पढ़ाई भी चालू कर चुके थे। अब तो सरकार भी दिल्ली बोर्ड से सब सरकारी स्कूलों को संबद्धित करने का मन बना ही चुकी है। हरियाणा बोर्ड का अस्तित्व ही अब तो खतरे में पड़ चुका है। बोर्ड सचिव ने तो तुरंत संज्ञान लेते हुए सारी गलती अपने उपर लेके बहुत ही सुन्दर और उदाहरण पेश किया है वो इस के लिए साधुवाद के हकदार हैं। Post navigation जिला स्तरीय समस्याओं को लेकर वन मजदूरों ने डीएफओं कार्यालय पर दिया धरना मिड डे मील वर्कर ने शारीरिक शिक्षकों के धरने का किया समर्थन