-मकान खरीददारों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख की सीबीआई जांच की मांग
-रेरा गुरुग्राम की जांच में भी डेवेलपर का 250 करोड़ का घोटाला आया सामने

गुरुग्राम। यहां एक डेवेलपर ने कागजों में स्पेस बेचकर करीब 250 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। डेवेलपर द्वारा हवा में ही 4 लाख 67 हजार स्क्वेयर फिट क्षेत्र बेच डाला। जब मकान खरीददारों ने इसकी शिकायत रेरा गुरुग्राम से की तो इसकी जांच की गई। रेरा की जांच में भी डेवेलपर का यह घोटाला साबित हो गया है। खरीददारों की ओर से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है।

सेक्टर-112 में एक्सपेरियन डेवेलपर्स प्रा. लि. की ओर से विंडचैंट्स प्रोजेक्ट नाम से गु्रप हाउसिंग कालोनी विकसित की गई है। डेवेलपर को इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार की ओर से 12,78,153 स्क्वेयर फिट क्षेत्र में कालोनी विकसित करने के लिए डीटीसीपी की ओर से एफएआर में अनुमति दी गई थी। बिल्डर ने इस कालोनी में नियमों को ताक पर रखकर 16,53,422 स्क्वेयर फिट स्पेस बेच डाला। तय जमीन से 3,75,269 स्क्वेयर फिट अधिक स्पेस को कागजों में ही बेच दिया गया। यही नहीं, डेवेलपर ने नॉन चार्जेबल कॉमन एरिया को भी बेचकर करोड़ों के वारे-न्यारे कर लिए। मकान खरीददारों ने इसकी शिकायत रेरा गुरुग्राम में की। रेरा ने अपनी जांच में डेवेलपर के खिलाफ शिकायत को सही पाया। जांच में डेवेलपर का यह घोटाला उजागर हुआ है।

मकान खरीददार के अधिवक्ता एवं रेरा एक्सपर्ट एडवोकेट अभय जैन का कहना है कि डेवेलपर ने वर्ष 2012 में प्रोजेक्ट लांच करते समय 2275 स्क्वेयर फिट क्षेत्र अपार्टमेंट के लिए तय किया था। बिल्डर ने नियमों को ताक पर रखकर बिना किसी सत्यापन और घोटाला करके सुपर एरिया को 166 स्क्वेयर फिट बढ़ाकर 2441 स्क्वेयर फिट कर दिया। इसकी एवज में डेवेलपर ने घर खरीददारों से इस 166 स्क्वेयर फिट क्षेत्र का अतिरिक्त भुगतान करने को कहा। डेवेलपर के खिलाफ कुछ मकान खरीददारों ने आवाज उठाई। उन्होंने इसकी शिकायत राष्ट्रीय उपभोक्ता एवं निवारण आयोग नई दिल्ली को की। आयोग ने जब इसकी जांच कराई तो डेवेलपर पर लगाए गए आरोप सही पाए गए। यानी रेरा गुरुग्राम और आयोग दोनों की ही जांच में डेवेलपर का घोटाला उजागर हुआ।

डेवेलपर द्वारा किए गए इस घोटाले की सीबीआई जांच के लिए अब मकान खरीददार सुनील यादव व अन्य खरीददारों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में यह भी लिखा है कि डेवेलपर के साथ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारियों की भी मिलीभगत है। हरियाणा सरकार के पास डेवेलपर्स और वरिष्ठ अधिकारियों के घोटालों से जुड़ी अनेकों शिकायतें हैं, लेकिन इस शिकायतों पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा।

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