भिवानी। फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने मांग की है कि दिल्ली की तर्ज पर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भंग कर दिया जाए व सभी १२वीं के विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएशन प्रदान करवा दी जाए।

शर्मा ने सरकार द्वारा १००० सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूलों में तबदील करने व इन्हें सीबीएसई से संबंधता दिलवाने के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रयासों की सराहना की व कहा कि सीबीएसई बोर्ड में विद्यार्थियों को अधिक अंक दिए जाते है व उनकी मूल्यांकन प्रणाली भी राज्य बोर्ड की तुलना में उतनी कठोर नहीं है, जिससे अधिकतर विद्यार्थी अच्छे अंक प्राप्त कर पाते हैं। उन्हें विश्वविद्यालयों और दूसरे प्रदेशों में भी दाखिला लेने में आसानी होती है, उन्होंने कहा कि सीबीएसई में इंटरनल असेसमेंट भी २० अंक की होती है, जिससे विद्यार्थी को पास होने के लिए हरियाणा बोर्ड की अपेक्षा कम अंक लेने पड़ते है। जिससे बच्चों की पास प्रतिशत भी राज्य बोर्ड की अपेक्षा अधिक होती है साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि सिर्फ १००० मॉडल स्कूलों के बच्चों को ही यह लाभ प्रदान करने से प्रदेश के दूसरे सरकारी व राज्य बोर्ड से सम्बंधित स्कूलो में पढऩे वाले बच्चों से यह भेदभाव होगा और नई शिक्षा नीति में १० तक बोर्ड परीक्षा खत्म होने व १००० मॉडल स्कूलों को सीबीएसई से जुड़ जाने के कारण हरियाणा बोर्ड में नाममात्र के ही विद्यार्थी रह जाएंगे जिससे उन पर आर्थिक बोझ भी पड़ेगा व बोर्ड की कठोर परीक्षा नीति के कारण कम अंक मिलने पर इनमे पढऩे वाले गरीब छात्र उच्च विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने से वंचित रह जाएंगे। यह सरासर भेदभाव पूर्ण होगा।

फेडरेशन मांग करती है कि तुरंत प्रभाव से आगामी सत्र से दिल्ली की तर्ज पर राज्य बोर्ड को खत्म कर दिया जाए व केंद्र सरकार से मांग की जाए कि हरियाण के अन्य सरकारी व प्राइवेट स्कूलों को सी.बी.एस. ई. संबंद्धता प्रदान करने के लिए आदेश जारी किए जाए ताकि प्रदेश के सभी गरीब विद्यार्थियों को समान अवसर वाली शिक्षा और परीक्षा प्रणाली उपलब्ध करवाई जा सकें।

error: Content is protected !!