बड़ा सवाल अभी तक क्यों नहीं की गई जांच के लिए अपील. 48 घंटे के दौरान 2 सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल थी एसएमओ.कार्यक्रम में शामिल रहे सीएमओ, आशा वर्कर, एएनएम और वृद्धजन फतह सिंह उजाला पटौदी । एक तरफ सुबे के डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला है जिन्होंने स्वयं के कोविड-19 पॉजिटिव की जानकारी सार्वजनिक करते हुए अपने संपर्क में आए सभी लोगों को जांच के लिए सलाह दी है । विपरीत पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएसओ अभी भी पूरी तरह चुप्पी बनाए हुए हैं, आखिर आम जनता के साथ ऐसा खिलवाड़ क्यों ? यह बहुत बड़ा और गंभीर सवाल है । विभागीय सूत्रों के मुताबिक पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएमओ के साथ-साथ कथित रूप से उनके परिवार के सदस्य भी कोविड-19 पॉजिटिव होने की चर्चा नहीं है । यहां लाख टके का सवाल यही है की ऐसी क्या मजबूरी है कि पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएमओ के द्वारा एक बार भी यह बयान अपने ही विभाग के मातहत काम करने वाले आशा वर्कर, एएनएम और स्वास्थ्य अधिकारियों के हितार्थ नहीं दिया गया है कि जो जो भी उनके संपर्क में रहे हैं, वह अपनी कोविड-19 जांच करवा लें या फिर क्वारंटाइन स्वयं को कर ले । बीते 30 सितंबर को हेलीमंडी के नागरिक अस्पताल में डेंगू और मलेरिया जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभाग के दावे के मुताबिक 200 मच्छरदानी बांटी गई । सीधा सा गणित है की 200 व्यक्ति तो मौजूद ही थे, इसके अलावा इसी कार्यक्रम में गुरुग्राम नागरिक अस्पताल के सीएमओ के अलावा अन्य वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद रहे । इस कार्यक्रम के एक दिन बाद ही एक अक्टूबर को पटौदी में अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के उपलक्ष पर कार्यक्रम का आयोजन पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएमओ के द्वारा करवाया गया । यहां पर भी अस्पताल के विभिन्न चिकित्सा अधिकारी , स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और आसपास के इलाकों से आमंत्रित बुजुर्ग जंन शामिल रहे । 48 घंटे के दो कार्यक्रम के बाद 3 अक्टूबर शनिवार से पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएमओ अवकाश पर चल रही है । एक अक्टूबर गुरुवार और 3 अक्टूबर शनिवार के बीच 2 अक्टूबर शुक्रवार का दिन था, इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है । अब सवाल यह है कि जब कथित रूप से कोविड-19 पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएमओ अवकाश पर चल रही है, तो स्वभाविक बात है की उन्होंने कोविड-19 की शंका होने पर ही स्वयं की जांच करवाई गई होगी और यह रिपोर्ट आने के बाद ही वह अवकाश पर गई । यह तो सीधी-सीधी बात इस प्रकार से है कि ऐसे में अपनी सेहत सुधार के साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए अवकाश पर चली गई । लेकिन 30 सितंबर और 1 अक्टूबर के बीच 48 घंटे के दौरान आयोजित दो कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में शामिल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों , अधिकारियों के साथ-साथ आमंत्रित आमजन विशेष रूप से वृद्ध जनों से अभी तक कोविड-19 कि किसी भी प्रकार की संभावना अथवा आशंका से बचाव की जांच के लिए अपील आखिर क्यों नहीं की जा रही है ? या फिर पटौदी नागरिक अस्पताल के ही कोविड-19 नोडल अधिकारी या संबंधित विभाग के ही अन्य स्थानीय अधिकारी, किसी कर्मचारी के द्वारा यह बात जरूरी नहीं समझी गई की 30 सितंबर और 1 अक्टूबर के दौरान संपन्न कार्यक्रम में आमंत्रित और शामिल लोगों को अपनी अपनी कोविड-19 जांच कराने के लिए कम से कम एक बार तो सलाह दे दी जाए । बहरहाल चुप्पी साधे रहना या फिर कार्यक्रम में शामिल लोगों की पहचान तो दूर एक सार्वजनिक अपील करना भी आखिर क्यों अनदेखा किया जा रहा है ? वैसे भी पटौदी देहात में नियमित अंतराल पर कोविड-19 पॉजिटिव के मामले स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी बुलेटिन में सामने आ रहे हैं। Post navigation निजीकरण किसी कीमत पर नहीं करेंगे सहन: जसवंत शर्मा एफआईआर की हसरत….अपनी लापरवाही के लिए या फिर सच को दबाने के लिए ?