–डीसी ने अधिकारियों ने तुरंत मांगा जवाब
–मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने पल्ला झाडा हैड क्वाटरा से आया है शेड्यूल

नारनौल, (रामचंद्र सैनी): हरियाणा सरकार किसानों के बाजरे का एक-एक दाना और पूरी पारदर्शिता के साथ खरीद करने का दावा कर रही है लेकिन मंडी अटेली में 7 अक्टूबर को खरीद करने के आज मंगलवार को जारी किए गए शैड्यूल ने सरकर के तमाम दावों के साथ-साथ बाजरा खरीद की पारदर्शिता की भी पोल खोलकर रख दी है। मंडी अटेली मार्केट कमेटी के तहत खरीद करने के लिए 7 अक्टूबर के लिए जारी किए गए शैड्यूल में राकेश नामक एक ही व्यक्ति के नाम पर आठ अलग-अलग गांवों में रजिस्ट्रेशन दिखाया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस व्यक्ति के नाम पर आठ गांवों में 40 क्विंटल प्रति रजिस्टे्रशन दिखाकर कुल 320 क्विंटल सरसों दिखाई गई है। जबकि यह व्यक्ति गांव गिरधरपुर का है और इसके पास 40 क्विंटल तक इसकी खुद की सरसों नहीं है।

बुधवार 7 अक्टूबर के लिए जारी किए शैड्यूल में इस व्यक्ति के नाम क्रम संख्या तीन पर गांव बासडुडा, क्रम नंबर 16 पर गांव बुडोली, क्रम नंबर 19 पर गाव फतहपुर टप्पा डहीना, क्रम नंबर 24 पर गांव गढी रूथल, क्रम नंबर 27 पर गांव गिरधरपुर, क्रम नंबर 29 पर गांव कुतुबपुर, क्रम नंबर 31 पर गांव जाडरा व क्रम 65 पर गांव सीहा में रजिस्ट्रेशन दिखाया गया है। सभी रजिस्टे्रशनों पर 40-40 क्विंटल सरसों अंकित है और बुधवार को दोपहर के शैड्यूल में दिखाई गई है। बुधवार के लिए जारी किया गया यह शैड्यूल जब जारी किया गया तो इसे देखते ही किसानों में हडकंप मच गया। कुछ किसानों का आरोप है यह सब मार्केट कमेटी की मिलभगत से हो रहा है तथा यह बाजरा एक ही फर्म पर बेचने की तैयारी थी लेकिन इसका भंडाफोड हो गया।

मीडिया के माध्यम से जब इस मामले की जानकारी तुरंत डीसी आरके सिंह के संज्ञान में आई तो उन्होंने तुरंत इस पर एक्शन लिया। डीसी ने मार्केट कमेटी के अधिकारियों से इसके बारे में जवाब तलब किया।

क्या कहते हैं अधिकारी:-

इस मामले में मार्केट कमेटी के सचिव ने डीसी आरके सिंह को भेजे अपने जवाब में कहा है कि इस शैड्यूल में दिए गए नाम व आईडी के आधार पर जब उपरोक्त व्यक्ति से संपर्क किया गया तो उसने माना है कि वह गिरधरपुर गांव का है। उसकी केवल गिरधरपुर वाली एंट्री सही बाकी के बारे में उसे कुछ पता नहीं है।

मार्केट कमेटी अटेली के सचिव युद्धराज यादव ने बताया कि शैड्यूल की लिस्ट एनआइसी के हैड आफिस से जारी की जाती है और वैरीफाइ का काम पटवारियों का है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति के नाम पर आठ गांवों में अलग-अलग रजिस्टे्रशन के इस मामले की जानकारी विभाग के मुख्यालय को दे दी गई है। ताकि इसका समाधान हो सके।

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