आज तीसरे दिन 31 लोग बैठे अनशन पर। कई जिलों से किसान संगठन एवं कर्मचारी संगठनों के नेता पहुंचे किसानों का समर्थन करने।

महम, 4 अक्टूबर : महम चौबीसी चबूतरे पर “किसान-मजदूर न्याय युद्ध” के अनशन का आज तीसरा दिन था और स्थानीय विधायक बलराज कुंडू ने कल अनशन पर बैठे सुरेंद्र तालु, सोनू राठी, नरेंद्र मान, ताराचंद, सुरेंद्र, राजकुमार, तेजू, कैप्टन राजबीर, जितेंद्र भगत, जियानंद व अजय को हवन यज्ञ के बाद जूस पिलाकर उनके स्थान पर तीसरे दिन विभिन्न जिलों के 31 नए साथियों को फूल मालाएं पहनाकर अनशन शुरू कराया।

जिन नए साथियों ने किसान-मजदूर की लड़ाई के लिए आज अनशन पर बैठे उनमें कैथल के कैलरम से प्रहलाद सिंह, तेजबीर व नरेश कुंडू, भिवानी के धनाना से शंकर व सुमित, सोनीपत से रविन्द्र मलिक, कैथल के हरसौला से जसविंदर ढुल, जींद से प्रमोद काकड़ोद, दीपक फौजी मकड़ौली, नवीन मातो भैणी, सुंडा प्रधान व मनोज मातो भैणी, दीपक बडाली, सोनू सहारण, दिलावर बहलबा, सुशील बडाली, तेजबीर भैणी मातो, बलजीत साहब, जगबीर व भरत सिंह घडोठी, दीपक लाखनमाजरा, नीरज शर्मा व हेमंत शर्मा सिंहपुरा, रामधन लाखनमाजरा, ओमबीर मास्टर अजायब एवं खुशीराम भैणी शामिल रहे। इसके अलावा आज तीसरे दिन मातृशक्ति की ओर से संतोष सिंहपुरा, भतेरी निंदाना, रामपति गद्दी खेड़ी,उमेश सिसर खरबला एवं दिल्ली से आई समाजसेवी सुदेश गोयत आदि ने भी शाम तक व्रत रख कर किसान-मजदूर न्याय युद्ध में अपना योगदान दिया।

धरनास्थल पर मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए बलराज कुंडू ने काले कानूनों के खिलाफ एक बार फिर निर्णायक लड़ाई की हुँकार भरते हुए कहा कि यह किसान और मजदूर के जीवन मरण का प्रश्न है और हम संकट की इस घड़ी में चुप नहीं बैठ सकते। तीनों काले कानूनों के खिलाफ किसान-कमेरे की इस लड़ाई को पूरी मजबूती से लड़ा जाएगा। उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि अगर हम आज चुप बैठे रहे तो अपने बच्चों के अंधकारमय भविष्य के लिए हम खुद जिम्मेदार होंगे। दूसरी ओर, आज कई जिलों के किसान संगठनों के अलावा कई कर्मचारी संगठन और कई गांव के सरपंच भी किसान-मजदूर न्याय युद्ध के इस अनशन एवं धरने को समर्थन देने चौबीसी के चबूतरे पर पहुंचे। रोडवेज यूनियन के प्रांतीय प्रधान दलबीर किरमारा ने भी महम पहुंच कर इस आंदोलन को समर्थन दिया और तीनों नए कानूनों को काले कानून बताया।

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