चंडीगढ़, 3 अक्तूबर- हरियाणा के युवाओं को उनके हुनर के अनुरूप कौशल विकास के माध्यम से रोजगारपरक बनाने के उद्देश्य से हरियाणा को देश का ऐसा पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त हुआ है जहां पर श्री विश्वकर्मा के नाम से देश के पहले कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा न केवल 35 से अधिक पाठयक्रमों में डिप्लोमा, डिग्री व स्रातकोत्तर के पाठयक्रम चलाए जा रहे हैं बल्कि 150 से अधिक उद्योगों के साथ समझौता कर शिक्षा व कौशल विकास के साथ-साथ नवाचार पर भी बल दिया जा रहा है।  उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने प्रथम राष्टÑीय कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन कर सात व्यक्तियों व संस्थानों को राष्टÑीय कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया है। प्रवक्ता ने बताया कि हर जिले में कौशल विकास एजेंसी गठित की गई है जिसकी पहली बैठक आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेन्द्र सिंह ने ली।

बैठक में देवेन्द्र सिंह ने जिला कौशल विकास एजेंसिज के जरूरी बिन्दुओं पर चर्चा की जिसमें मुख्य तौर पर एजेंसी को हर तिमाही में एक मीटिंग करना अनिवार्य है, एजेंसी के माध्यम से ही सही व जरूरत मंद युवाओं को चयनित किया जाएगा । एजेंसी के लिए हर माह एक रोजगार मेला आयोजित करवाना अनिवार्य है। एजेंसी के प्रत्येक सदस्य को जिले में चल रहे प्रशिक्षण केंद्रों का दो बार निरीक्षण करना जरूरी है, जिसकी रिपोर्ट  सदस्य द्वारा एजेंसी के अध्यक्ष-जिला उपायुक्त को जमा कराना होगा ।  एजेंसी अगर किसी गतिविधि को मापदंडों के अनुसार सही नहीं पाती तो वह उपरोक्त के खिलाफ निमित जरूरी कार्रवाई करने में सक्षम है।

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा कौशल विकास मिशन के निदेशक एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू ने सभी उपस्थितजनों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वर्ष 2015 में हरियाणा कौशल विकास मिशन का गठन किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य हरियाणा के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देना व उनको रोजगार के अवसर प्रदान करना तथा आत्म निर्भर बनाना है। बैठक में मुख्य कौशल अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं संयुक्त निदेशक श्री अंबिका पटियाल भी मौजूद रहे।

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