मंडन मिश्रा भिवानी : हरियाणा की सियासी गलियारो में एक बार फिर से हलचल दिखाई दे रही है। किसान आंदोलन जिस प्रकार से गति पकड़ रहा है उसी प्रकार से सियासी हलचल भी तेज होती जा रही है । किसानों के मुद्दे पर काफी विधायक सरकार के विरुद्ध आवाज उठाए हुए हैं सरकार के विरुद्ध इसको वापस लेने के लिए भी दबाव बना रहे हैं। प्रदेश में भाजपा की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी भी इस मुद्दे पर सरकार पर काफी दबाव बना रही है। जन नायक पार्टी चौधरी देवी लाल की नक्शे कदम पर चलने का दावा करती है जिस कारणों से किसानों की पार्टी के रूप में माना जाता है और किसानों के इस मुद्दे पर अगर उन्होंने कोई कड़ा फैसला नहीं लिया तो यह वर्ग उनके खिलाफ भी हो सकता है । इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अब निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है । उसी कड़ी में आज सिरसा के निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा के साथ गुड़गांव में लगभग पोना घंटे तक चली मीटिंग इस बात इन बातों को और मजबूत भी कर रही है कि सरकार अब निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में लाने का प्रयास करके सरकार को सुरक्षित रखना चाहती है कि कहीं भविष्य में जेजेपी के द्वारा किसान मुद्दे पर समर्थन वापस ले लिया जाता है तो निर्दलीय विधायकों के दम पर सरकार को बचाए रखा जा सके। वहीं दूसरी तरफ महम से निर्दलीय विधायक कुंडू ने सरकार के विरुद्ध अपना मोर्चा खोल रखा है और उसको इस किसान आंदोलन पर और तेज करके सरकार को घेरने की कोशिश भी कर रहे हैं वहीं जन नायक पार्टी के भी एक विधायक ने दावा किया कि वे इस मुद्दे पर अपना इस्तीफा दे सकते हैं यह तो भविष्य के गर्भ में ही है कि क्या जेजेपी इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार से समर्थन वापसी लेगी या सरकार इन निर्दलीयों को उससे पहले ही अपने पक्ष में लाकर कोई पद देकर अपने साथ जोड़े रखेंगे ताकि सरकार को किसी भी प्रकार का खतरा ना रहे। Post navigation प्रधानमंत्री की किसी बात पर देश व किसान कैसे भरोसा करे? विद्रोही बाल- बलिदान दिवस 26 दिसम्बर को : अंसुल लोहिया