गुरुग्राम, 25 सितंबर। यहां गुरुग्राम में भारतीय जनता पार्टी के सस्थापकों में से एक पडिंत दीनदयाल उपाध्याय की जयंती  आज  भाजपाईयों ने  “आत्मनिर्भर भारत” संकल्प सप्ताह के रूप में मनाई  । इस अवसर पर पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि भारत माँ के वीर सपूत, सादगी के प्रतीक और देश में प्रगतिशील राजनीति के रचनायक पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।  पं. दीनदयाल उपाध्याय जी  

के विचार, सिद्धांत और देश व समाज के प्रति समर्पित जीवन सदियों तक देशवासियों को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर बोलते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, समाज के रूप में भारत को बेहतर बनाने के लिए दीन दयाल जी का योगदान पीढ़ियों को प्रेरित करने वाला है. दीनदयाल जी ही थे, जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति,अर्थनीति, समाजनीति, राजनीति सभी पहलुओं पर भारत के अथाह सामर्थ्य के हिसाब से तय करने की बात मुखरता से कही थी.पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक हिंदुत्ववादी विचारक और भारतीय राजनितिज्ञ थे। उन्होंने हिन्दू शब्द को धर्म के तौर पर नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के रूप में परिभाषित किया है। इसी के साथ भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे।

उन्होंने राजनीति के अलावा भारतीय साहित्य में भी योगदान दिया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जन संघ की स्थापना की थी जो बाद में चलकर आज की भारतीय जनता पार्टी के नाम से जानी जाती है। इस दौरान पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति में अहम किरदार निभाते रहे। उन्होंने ‘एकात्म मानववाद’ के आधार पर भारत राष्ट्र की कल्पना की थी जिसमें विभिन्न राज्य की संस्कृतियां आपस में मिलकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करें।बचपन में ही जीवन के कड़वे अनुभव झेल चुके दीन दयाल उपाध्याय ने भारतीय राजनीति में कदम रखा। वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी के करीबियो में से थे। वर्ष 1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के निधन के बाद भारतीय जन संघ की जिम्मेदारियां पंडित जी के कंधे पर आ गई। करीब 15 वर्षों तक संगठन के महामंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं देने के बाद दिसंबर, 1967 में  इन्हें पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया।उन्होंने कहा कि  एकात्म मानववाद और अंत्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय ने गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं, वंचित और शोषित वर्ग के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान का सपना देखा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे ही साकार रूप देने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, गरीबों के घर में मुफ्त बिजली कनेक्शन, गरीब को अनाज जैसे काम इसका प्रमाण हैं।