जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान एवं वरिष्ठ अधिवक्ता चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि नये कृषि विधेयक जन विरोधी है।उन्होने कहा कि नये कृषि विधेयकों के अनुसार बड़े व्यापारी किसान से उपज ख़रीद कर उसे किसी भी स्थान पर भेज सकते हैं इससे कृषि के बाज़ार में सीधा पूंजीपतियों का आधिपत्य हो जायेगा तथा किसानों की उपज का मूल्य पूंजीपति तय करेंगे। किसान की फ़सल आने पर सप्लाई इस क़दर बढ़ेगी कि पूंजीपति व्यापारी मनमाने ढंग से क़ीमत तय करेंगे तथा औने पौने दामों में किसानों को लूटेंगे।किसानों के पास न तो भंडारण की व्यवस्था है और न ही उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है तथा वे कर्ज़ लेकर फ़सल बोते हैं इसलिए अपनी फ़सल को औने पौने दामों में बेचना उनकी मजबूरी हो जाएगी।पूंजीपति व्यापारी औने पौने दामों में किसान की फ़सल ख़रीद कर उसका भंडारण कर लेंगे तथा बाद में अपनी शर्तों पर रेट तय करके वही फ़सल आम जनता को महंगे दामों पर बेचेंगे। इस तरह कृषि बाज़ार पर पूरी तरह पूंजीपति व्यापारियों का क़ब्ज़ा हो जाएगा तथा किसान व आम जनता का शोषण होगा।उन्होंने सरकार से माँग की कि जनहित में नए कृषि विधेयकों को वापस लिया जाए तथा सरकार यह प्रावधान करे कि मंडी तथा मंडी के बहार घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम भाव पर फ़सलें ख़रीदना क़ानूनन अपराध होगा। Post navigation नगर निगम की 7 हजार एकड़ जमीन और 900 करोड पर नजर तीनों अध्यादेश व न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी बड़ा तोहफा: बोधराज सीकरी