पंचकूला। लोकसभा के बाद राज्य सभा में सभी मर्यादायों को ताक पर बिना बहस पास कराए गए कृषि सबंधी तीन विधेयकों के खिलाफ राज्य सभा सांसद एवं आम आदमी पार्टी हरियाणा के सहप्रभारी डॉ सुशील गुप्ता ने गुरुवार को इसका विरोध करने लिए आम आदमी पार्टी द्वारा राज्य भर में जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन एवं काला दिवस मनाने का एलान किया है। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर काली पट्टी बांध कर धरना प्रदर्शन कर इन विधेयकों का विरोध करेंगें तथा इन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए राष्टÑपति के नाम जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सोंपेंगें। डॉ सुशील गुप्ता ने कहा है कि देश के सर्वोच्च सदन राज्य सभा में सभी नियम कायदों तथा मर्यादायों को तार तार करते हुए, किसानों की आपत्तिओं को नजÞर अंदाज कर तथा विपक्ष की आवाज को दबाते हुए बिना वोटिंग के जिस तरह ध्वनिमत एवं धक्के से इन विधेयकों का पास कराया है वह दुर्भाग्य पूर्ण है। उन्होंने बताया कि रा’य सभा में माननीय सदस्यों ने सदन के उप सभापति से बार बार ये अनुरोध किया था कि इन बिलों पर सदस्यों की वोटिंग कराई जाए लेकिन उन्होंने वोटिंग नहीं कराई, इसलिए ये बिल अवैध है। उन्होंने राष्टÑपति से इन बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करने की अपील भी की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अवैध रूप से ये बिल पास किये गए हैं, इसलिए यह दिन देश के इतिहास में एक काले दिवस के रूप सदैव गिना जाएगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं के खिलाफ षड्यंत्र रच कर भाजपा सरकार ने किसान विरोधी विधेयक ला कर देश की आत्मा पर घिनोना प्रहार किया है,जिसे देश की जनता कभी भी माफÞ नहीं करेगी। भाजपा देश को निजीकरण की तरफ ले जाकर पूंजीपतियों के हाथ में देने की गहरी साजिश का खेल रही है और ये तीनों विधेयक भी उसी साजिÞस का हिस्सा हैं तथा इन कृषि विरोधी जैसे काले कानून बना कर व्यापारियों के साथ साथ एवं किसानों को भी पूंजी पतियों का गुलाम बना रही है। जिसे देश कभी भी सफल नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि मंडी व्यवस्था को समाप्त करने का मतलब न्यूनतम समर्थन मूल्य का समाप्त होना है। उन्होंने सरकार से जवाब माँगा कि अगर अनाज मण्डी ही समाप्त हो आएँगी तो छोटे किसानों को एमएसपी कौन देगा और कैसे देगा? क्या एफसीआई 15.5, करोड़ किसानों के खेत से एमएसपी पर फसल खरीद सकेगी? क्या आढ़ती एवं मजदूर किसानों की फसल बेचने में बाधक बन रहे थे? उन्होंने कहा की अगर भाजपा की नीयत किसानों के प्रति ईमानदारी की होती तो इस विधेयकों में एमएसपी का प्रावधान होता तथा किसानों को पूरी कीमत देने की गारंटी होती। उन्होंने राष्टÑपति महोदय से मांग की है कि राज्य सभा में सदस्यों ने सदन के उप सभापति से बार बार ये अनुरोध किया था कि इन बिलों पर सदस्यों की वोटिंग कराई जाए लेकिन उन्होंने वोटिंग नहीं कराई,जिसके चलते ये बिल अवैध है, इसलिए इन बिलों पर आप अपने हस्ताक्षर न करें तथा तुरंत ही किसानों के लिए आत्मघाती बने इन तीनों बिलों को निरस्त किया जाए और पहले जैसी ही व्यवस्था बहाल की जाए। इस मौके पर जिला प्रधान सुरेंद्र राठी विधानसभा अध्यक्ष बलजीत बल्ली उपाध्यक्ष अजय गुप्ता जी उपाध्यक्ष, जगनमोहन बट्टू एसी सेल के जिलाध्यक्ष जसवीर जस्सी, मुकेश सिंगला अनिल दुहान, सवर्णपाल सिंह थे। Post navigation रोडवेज मृतक कर्मचारियों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये मुआवजे की मांग या तो सरकार अपना फैसला वापस ले या किसानों को गोली मार दे: गुरनाम सिंह चढूनी