पंजाब को हमारी राजनीती से क्या लेना: अनिल विज

दुष्यंत ने कृषि अध्यादेशों को सराहा

चंडीगढ़। कृषि अध्यादेशों में एमएसपी को भी शामिल किये जाने की मांग अब किसान और विपक्ष उठा रहे हैं। लगातार उठ रहे विरोधी दलों के सवालों पर गृहमंत्री अनिल विज ने पलटवार किया और कहा कि एमएसपी पहले से लागू है और इसे खत्म करने की बात किसी ने नही की ऐसे में नए कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। वही पीएम का ट्वीट भी विपक्ष के निशाने पर रहा। इसे लेकर विज ने कहा की प्रधानमंत्री का किसी मुद्दे पर जनता को आश्वासन देना बहुत बड़ी बात होती है।

विज ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि इनके लिए कोई कुछ नहीं होता लेकिन देश के लिए पीएम बहुत बड़ी चीज होता है। किसानों के मुद्दे को लेकर लगातार पंजाब से भी कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सुर उठ रहे हैं। ऐसे में अब पंजाब के सियासतदान भी हरियाणा की राजनीती पर टिप्पणी करने में जुट गए हैं। ऐसे में बीते रोज 3 घंटे तक हरियाणा-पंजाब की सीमा पर धरना देने वाले लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत बैंस ने हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा माँगा तो गृहमंत्री अनिल विज दुष्यंत के साथ खड़े नजर आये। विज ने कहा कि पंजाब को हमारी राजनीती से क्या लेना है और दुष्यंत ने कृषि अध्यादेशों को सराहा है। केवल कुछ लोग अब इसको मुद्दा बनाकर तमाशा करना चाहते हैं।

पीपली में लाठी चार्ज और किसानों पर दर्ज मुकदमों के मुद्दे विपक्ष द्वारा की जा रही राजनीति पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिल विज ने एक बार फिर ये दावा किया कि कहीं भी लाठी चार्ज नही किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के खर्च के आंकड़े पेश किये तो विपक्षी दलों ने खर्च को भी मुद्दा बनाकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विज ने कहा कि जो भी खर्चा होता है उसका आॅडिट कैग करता है यह एक सिस्टम है। विज ने कहा कि अगर व्यवस्था न होती तो भी विपक्ष सवाल उठाता और शोर मचाता।

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