चंडीगढ़,23 सितंबर।सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को बर्बाद करने वाले अध्यादेशों को विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद संसद में तानाशाही तरीके से पास किए गए बिलों की कड़े शब्दों में निन्दा की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने 25 सितंबर को 250 से ज्यादा किसान संगठनों के आह्वान पर भारत बंद का पूरजोर समर्थन करने का फैसला किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा है कि यह कानून बड़े पुंजीपतीयों को और ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए बनाए गए हैं। सरकार कारपोरेट घरानों को मुनाफा पहूंचाने के लिए सभी सार्वजनिक क्षेत्र के विभागों एवं उपक्रमों को पहले ही निजी हाथों में दे रही है। मजदूरों को बंधवा बनाने व पूंजीपतियों को उनकी छंटनी करने के लिए हायर एंड फायर का कानून बना दिया गया है और अब किसानी पर सुनियोजित हमला किया जा रहा है। विधेयक हमारे किसानों और देश की कृषि को बर्बाद कर देंगे।उन्होंने बताया कि कृषि जानकारों के अनुसार पास किए गए कानूनों द्वारा हमारे पूरे कृषि क्षेत्र को देश-विदेश के बड़े कृषि व्यापारी घरानों को सौंपा जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों को समाप्त किया जाना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खात्मा होना तय है। इन विधेयकों के पास होने से कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा, बड़े व्यापारी घराने अनाज की जमाखोरी करेंगे। इस प्रकार अनाज की कमी की काल्पनिक मांग पैदा करके व्यापारियों द्वारा मनमाने भाव बेचकर पर भारी मुनाफा कमाया जाएगा। ये विधेयक भारत के खाद्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। राज्य प्रधान सुभाष लांबा ने कहा है कि किसानों के विरोध के बावजूद बिल को पास करना जनतंत्र को कुचलने की कार्रवाई है तथा ये सरकार का तानाशाही पूर्ण कदम है । इन कानूनों की किसी भी किसान संगठन ने मांग नहीं की थी। लेकिन सरकार द्वारा किसानों को उनकी स्वतंत्रता का सपना दिखाने की झूठी कोशिश की जा रही है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने अपनी सभी यूनियनों को 25 सितंबर को भारत बंद में शामिल होने का आह्वान किया है। Post navigation कृषि अध्यादेशों के विरोध में सडक पर उतरी यूथ कांग्रेस– इनर व्हील क्लब ऑफ़ चंडीगढ़ हार्मनी ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस और विश्व रोज़ डे