56 राष्ट्रीय खेल महासंघो को मिल सकेगी मान्यता 18 सितम्बर 2020, केंद्र सरकार और भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (आइओए) को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि उन्हें देश में विभिन्न खेल महासंघों को मान्यता देने से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व सहमति लेने की आवश्यकता नहीं है। वित्त मंत्रालय भारत सरकार से आयकर छूट प्राप्त हरियाणा शतरंज एसोसिएशन (एचसीए) के प्रदेश महासचिव कुलदीप ने बताया कि शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ खेल मंत्रालय भारत सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसने खेल मंत्रालय के अधिकारियों को राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देने पर निर्णय लेने से रोक दिया था। उन्होंने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय का ये आदेश जनहित में दायर एक याचिका पर पारित किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय खेल संहिता और आईओए के निर्देशों का पालन करने की मांग की गई थी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राष्ट्रीय खेल संघ (एनएसएफ) अपने कर्तव्यों का पालन अच्छे से करें। उन्होंने आगे बताया कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और के एम जोसेफ की खंडपीठ ने कहा कि राष्ट्रीय खेल संहिता के तहत विभिन्न खेल महासंघों को मान्यता देने से पहले केंद्र सरकार को दिल्ली उच्च न्यायालय की सहमति लेने की आवश्यकता नहीं थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अगर किसी नेशनल खेल महासंघ को मान्यता नहीं मिलने से नाराजगी हैं, तो वे अदालत का रुख कर सकते हैं। केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि कई नेशनल खेल महासंघ हैं और अगर किसी खेल महासंघ को मान्यता देने से पहले उच्च न्यायालय की सहमति लेनी थी, तो पूरी प्रक्रिया एक ठहराव पर आ जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि भारत सरकार ने यह भी तर्क दिया कि नेशनल खेल महासंघों को मान्यता देने का मुद्दा पूरी तरह से कार्यकारी के क्षेत्र में गिर गया और दिल्ली उच्च न्यायालय को इसमें प्रवेश नहीं करना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट शीर्ष अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि जनहित याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में 2010 से लंबित थी और उसने अनुरोध किया कि इस याचिका को सभी के लिए शीघ्रता से स्थगित किया जाए। इससे पहले, खेल मंत्रालय भारत सरकार और आईओए ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करने का फैसला किया है जो खेल मंत्रालय को राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देने पर कोई भी निर्णय लेने से रोकता है। 7 अगस्त 2020 को खेल मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय से आदेश को संशोधित करने और कम से कम नेशनल खेल महासंघों एनएसएफ को मान्यता देने की अनुमति देने का अनुरोध किया था लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया और राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के नियमो की अनुपालन रिपोर्ट मांगी। तब खेल मंत्रालय ने नेशनल खेल महासंघों एनएसएफ को एक प्रश्नावली भेजकर उनके पदाधिकारियों की उम्र और कार्यकाल का विवरण मांगा था। कुल 56 नेशनल खेल महासंघ एनएसएफ ने जवाब दिया। Post navigation सोलह साल के नहीं बन जाएंगे मोदी जी : माईकल सैनी हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों में भी बनेंगे परिवार पहचान पत्र….जानें क्या दस्तावेज चाहिए और क्या हैं फायदे…नये आदेश जारी