17 सितम्बर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि मनेठी एम्स निर्माण के प्रति हरियाणा भाजपा सरकार की बदनियती बार-बार सामने आने पर भी दक्षिणी हरियाणा के लोग आरपार की लड़ाई लडने की बजाय सरकार व कमजोर भाजपाई जनप्रतिनिधियों के झांसे में आकर अपने पैरों पर ही कुल्हाडी मार रहे है। विद्रोही ने कहा कि पहले भाजपा सरकार ने मनेठी एम्स में जमीन देने के नाम पर पोर्टल-पोर्टल का खेल खेला और जब मनेठी व माजरा के किसानों ने एम्स के लिए 506 एकड़ जमीन देने का वचन दे दिया तो अब एकमुश्त जमीन न मिलने का पेंच फंसा दिया गया। एकमुश्त जमीन के पेंच को हल करने की दिशा में प्रभावी आवश्यक कदम उठाने की बजाय एकमुश्त जमीन इक्कठी करने की जवाबदेही भी ग्रामीणों पर डाल दी गई। साथ में यह भी कह डाला कि किसान जमीन का ज्यादा मुआवजा ना मांगे और सरकार ने जो मुआवजा तय किया है, उसी पर संतोष रखे। विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर व स्थानीय सांसद केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह से पूछा कि यदि एम्स के लिए जमीन देने व त्याग करने का सारा काम किसान व स्थानीय ग्रामीण करेंगे तो क्या सरकार लोगों ने जुमले उछालने के लिए बनाई है। जब सरकार न तो अपनी ओर से पोर्टल पर मिली जमीन को एकमुश्त करने के लिए भूमि अधिग्रहण कानून का प्रयोग करेगी और न ही जमीन का पर्याप्त मुआवजा किसानों को देगी तो सरकार बनी किसलिए है? क्या संसद ने भूमि अधिग्रहण कानून 2013 आरती करने के लिए पारित किया था? सरकार किसानों की एम्स के लिए प्रस्तावित जमीन सस्ते में क्यों हडपना चाहती है? क्या किसानों को जमीन का समुचित पर्याप्त मुआवजा देने की सरकार की कोई संवैद्यानिक जिम्मेदारी नही है? क्या सरकार लोगों द्वारा दिये जाने वाले टैक्स के पैसों से बड़ें उद्योगपतियों की ही मदद करेगी? किसानों को सरकारी राजस्व से अपना वाजिब हक लेने का कोई अधिकार नही है? विद्रोही ने पूछा कि भाजपा सरकार, भाजपा सांसदों, विधायकों को दक्षिणी हरियाणा के लोगों ने विकास व जनहित के लिए चुना था या अपने निजी हित साधने व आमजनों से मिली ताकत से सत्ता आनंद उठाने के लिए चुना था? विद्रोही ने मांग की कि सरकार पोर्टल पर मिली जमीन का उचित मुआवजा किसानों को देने की घोषणा करे व एम्स के लिए मिली इस जमीन में जो पेंच है, उसे भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के हित भूमि अधिग्रहित करके एम्स निर्माण का रास्ता साफ करें। Post navigation किसान अध्यादेश पर भाजपा की आक्रमकता भाजपा पर ही पड़ न जाए भारी हरियाणा ओलंपिक संघ (एचओए) के चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती