गुरुग्राम।विश्व भाषा अकादमी (रजि.) के चेयरमैन मुकेश शर्मा ने यूपीएससी द्वारा ली जाने वाली आईएएस, आईपीएस आदि की परीक्षाओं में हिंदी को प्रोत्साहित करने की माँग की है।वे यहाँ विश्व भाषा अकादमी के तत्वावधान में हिंदी भाषा पर आधारित एक वैश्विक वेबिनार को सम्बोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े केंद्रीय हिंदी निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ.दीपक पाण्डे्य मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि ऑस्ट्रेलिया से डॉ.रेखा राजवंशी, मॉरीशस से डॉ.कृष्ण कुमार झा,फीजी से सुभाषिनी लता कुमार, त्रिनिदाद से डॉ.रामप्रसाद परसराम और भारत से हिंदी निदेशालय की सहायक निदेशक डॉ.नूतन पाण्डे्य,मध्यप्रदेश इकाई अध्यक्ष अंतरा करवड़े,उपाध्यक्ष डॉ.वसुधा गाडगिल, हरियाणा इकाई अध्यक्ष अनघा जोगलेकर प्रमुख वक्ताओं के रूप में शामिल हुए।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अकादमी चेयरमैन मुकेश शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों हुई यूपीएससी की परीक्षाओं में सफल हुए अभ्यर्थियों में मात्र तीन फीसदी ऐसे अभ्यर्थी थे,जिन्होंने हिंदी माध्यम से इसे पास किया था।उन्होंने कहा कि जिस देश में पचहत्तर फीसदी आबादी हिंदी बोलती,पढ़ती या समझती हो और जहाँ अस्सी फीसदी ग्रामीण अंग्रेजी न जानते हों,वहाँ की परीक्षाओं में हिंदी की यह स्थिति निराशाजनक है।इन परीक्षाओं के लिए हिंदी में अच्छी सामग्री सहज उपलब्ध होनी चाहिए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहायक निदेशक डॉ.दीपक पाण्डे्य ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों में जहाँ हिंदी पढ़ायी जा रही है, वहाँ भी हिंदी की शिक्षण सामग्री का अभाव है।उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए एक अलग विभाग बनाने की ज़रूरत है।

प्रमुख वक्ता सहायक निदेशक डॉ.नूतन पाण्डे्य ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की शिक्षा देने के लिए अब तक ऐसा सामान्य पाठ्यक्रम तय नहीं हो पाया है,जिसमें अध्ययन और शिक्षण दोनों का कौशल हो।फीजी की सुभाषिनी लता कुमार ने फीजी में हिंदी के प्रकाशन की कमी बतायी,जबकि ऑस्ट्रेलिया की डॉ.रेखा राजवंशी ने ऑस्ट्रेलिया में अच्छी साहित्यिक पुस्तकों के उपलब्ध न होने पर चिंता प्रकट की।

मॉरीशस के डॉ.कृष्ण कुमार झा ने मॉरीशस में हिंदी की सुदृढ़ स्थिति बतायी,जबकि त्रिनिदाद के डॉ.रामप्रसाद परसराम ने बताया कि त्रिनिदाद में भी हिंदी का विस्तार हो रहा है।

अकादमी की मध्यप्रदेश इकाई अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संचालक अंतरा करवड़े ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र में बढ़ते विकास के साथ ही कुछ ही समय बाद टीवी पर एलेक्सा फीचर को हिंदी, मराठी, गुजराती आदि भाषाओं में भी चलाया जा सकेगा।उपाध्यक्ष डॉ.वसुधा गाडगिल ने देश में भाषाई विवादों को समाप्त करने का सुझाव दिया, जबकि हरियाणा इकाई अध्यक्ष अनघा जोगलेकर ने कहा कि हिंदी मात्र साहित्य की नहीं, बल्कि तकनीक और सोशल मीडिया की भाषा भी बन चुकी है।

कार्यक्रम में इन देशों के अलावा उज्बेकिस्तान, सूरीनाम आदि देशों के एवं भारत के मथुरा, अम्बिकापुर,कोल्हापुर, सतारा, मधेपुरा, चेन्नई, मेवाड़, काम्बले कर्नाटक, कानपुर, अबोहर, श्रीनगर गढ़वाल, जयपुर, ग्वालियर, उज्जैन,रायपुर आदि के शिक्षाविद, शोधार्थी आदि शामिल हुए।

error: Content is protected !!