13 सितम्बर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि किसानों पर पिपली-कुरूक्षेत्र में हुए पुलिस लाठीचार्ज पर भाजपा-जजपा नेताओं की अलग-अलग बोलिया खुद ही साबित कर रही है कि भाजपा दोगले चरित्र व दोहरे व्यवहार करने वाले ऐसे ठगों की पार्टी है जिसका काम ही लोगों को ठगकर अपना उल्लू सीधा करना है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा-जजपा का संगठन पिपली पुलिस लाठीचार्ज को अनुचित बताकर किसान हित में आंसू बहा रहा है। वहीं गृहमंत्री दावा ठोक रहे है कि पिपली में पुलिस ने लाठीचार्ज किया ही नही। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री किसानों पर हुए बर्बर पुलिस लाठीचार्ज पर आश्चर्यजनक रूप से मौन है। सवाल उठता है कि भाजपा-जजपा सरकार ने पिपली में तीन कृषि अध्यादेशों का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज नही किया तो क्या किसानों पर लाठीचार्ज करने के लिए मोदी-शाह ने दिल्ली से केन्द्रीय सुरक्षा बल भेजे थे जिन्होंने लाठीचार्ज किया? विद्रोही ने कहा कि भाजपा संगठन व सरकार की दोगली बोलिया ही बताती है कि लाठीचार्ज पर संघी कितने महाझूठे है। एक ओर हरियाणा भाजपा पिपली लाठीचार्ज की जांच करने के लिए तीन सांसदों की कमेटी बनाने की नौटंकी करती है, वहीं दूसरी ओर भाजपा-जजपा सरकार लाठीचार्ज की जवाबदेही से ही भाग रही है। सवाल उठता है कि किसानों पर लाठीचार्ज भाजपा संगठन ने किया या भाजपा सरकार ने? यदि भाजपा संगठन ने लाठीचार्ज नही किया तो उसकी जांच का औचित्य क्या है? यदि सरकार ने लाठीचार्ज किया है तो पुलिस लाठीचार्ज क्यों हुआ, इसकी जांच सरकार क्यों नही करती? विद्रोही ने कहा कि भाजपा की दोगली बेाली, दोगला आचरण ही बताता है कि भाजपा-संघी कितने किसान विरोधी है। वहीं जो सांसद किसानों पर लाठीचार्ज की कथित जांच कर रहे है, उनके सार्वजनिक बयान आ रहे है कि तीन कृषि अध्यादेश किसान हितैषी है और किसान इन्हे समझ नही पा रहे है। जब भाजपा के सांसद किसान संगठनों को इतना मूर्ख मानते है कि उन्हे सरकार के अध्यादेश व खेती की समझ नहीे है और संघी ही खेती के विद्धान है तो वे किसानों की समस्याओं पर क्या वार्ता करेंंगे और उन पर हुए लाठीचार्ज की क्या जांच करेंंगे, इस पर टिप्पणी भी बेमानी है। विद्रोही ने हरियाणा के किसानों व किसान संगठनों को विनम्र सलाह सलाह दी कि वे इन संघीयों से सावधान रहे और इनका बायकॉट करे। संघीयों का बायकॉट करना ही किसान हित में सबसे सही रणनीति है। Post navigation सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र में स्वामी अग्निवेश ने संघर्ष के बल पर विशिष्ट पहचान बनाई सोसिओ इकोनॉमिक के मार्क्स मेरिट वाले हकदार बच्चों को खत्म कर रहे है.