12 सितंबर 2020  .  बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष, आर्य समाज के नेता जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश जी के 81 वर्ष की आयु में हुए निधन पर स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए इसे देश, समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया1                

 विद्रोही ने कहा सन्यास लेकर प्रोफेसर वेपा श्याम राव से आर्य समाज सन्यासी बने स्वामी अग्निवेश ने दिवंगत स्वामी इंद्रवेश जी के साथ हरियाणा को अपनी कर्मभूमि बनाकर राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई1 जनता पार्टी से 1977 में पुण्डरी से विधायक बने और 1979 में अल्पकाल के लिए भजनलाल सरकार ने शिक्षा मंत्री भी रहे1 प्रखर ओजस्वी वक्ता व समतामूलक समाज की स्थापना करने के लिए काम करने वाले वे क्रांतिकारी सन्यासी थे1 

  विद्रोही ने बताया मैंने और स्वामी अग्निवेश ने अन्य साथियों से मिलकर 1981 में बंधुआ मुक्ति मोर्चा की स्थापना की जिसके स्वामी जी संस्थापक अध्यक्ष बने1 बंधुआ मुक्ति मोर्चा के माध्यम से हमने पत्थर खदानों, ईट-भ_ा के मजदूरों को संगठित करने का अभियान चलाया व हजारों बंधुआ मजदूरों को बंधुआ मजदूरी से मुक्ति दिलवाई1 असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को संगठित करने का जो अभियान बंधुआ मुक्ति मोर्चा के माध्यम से शुरू हुआ था उसके कारण ही विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों का संगठन बनाने व उनके हित में काम करने की शुरुआत की1               

 विद्रोही ने कहा कि सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र में स्वामी अग्निवेश ने अपने संघर्ष के बल पर जो एक विशिष्ट पहचान बनाई जो जिसके कारण वे अपने आप में एक संस्था बन गए1 उनका निधन देश, समाज के लिए अपूरणीय क्षति है1 स्वामी अग्निवेश के निधन पर विद्रोही ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परम पिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा को शांति और सद्गति प्रदान करने की प्रार्थना की1 

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