94 लाख के रोड का कराया उद्घाटन उसी दिन मिला नोटिस. मामला हेलीमंडी में वार्ड 15 कच्चा खंडेवला राजस्व सड़क का. बीते 25 अगस्त को किया गया राव इंद्रजीत के द्वारा उद्घाटन फतह सिंह उजाला पटौदी । पटौदी विधानसभा क्षेत्र के हेली मंडी नगरपालिका इलाके में जिस तेजी से विकास के कार्य करवाए जा रहे हैं, उतनी ही तेजी से विकास कार्य विवादों के घेरे में आते जा रहे है । कोरोना कॉल के बाद अनलाॅक के दौरान कराए गए विकास कार्यों के साथ-साथ जनवरी माह से लेकर हालिया समय तक के सभी विकास कार्यों में भेद भाव सहित मनमानी के गंभीर आरोप लगाते हुए असंतुष्ट पार्षदों के द्वारा शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज फेम गब्बर के नाम पटौदी के एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर तमाम विकास कार्यों की विजिलेंस जांच की मांग भी की गई है । बहरहाल जांच के आदेश कब होंगे और कब तक इसका परिणाम सामने आएगा, यह अलग बात है। लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं जिनको लेकर हेली मंडी पालिका प्रशासन पूरी तरह से कटघरे में खड़ा दिखाई दे रहा है और ऐसे कार्यों का पालिका प्रशासन से जवाब देते नहीं बन रहा । यही कारण रहा कि 1 दिन पहले गुरुवार को हेली मंडी पालिका सचिव को पटौदी के एसडीएम के द्वारा सीआरपीसी की धारा 133 के तहत नोटिस जारी करना पड़ा है । अब सीधी मुद्दे की बात करते हैं, वार्ड 15 मैं कच्चा खंडेवला राजस्व सड़क मार्ग की, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा इसका उद्घाटन करवाया गया । उद्घाटन शिलापट्ट पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज के साथ-साथ पटौदी के एमएलए सत्यप्रकाश जरावता का नाम भी अंकित है । 25 अगस्त को हेली मंडी पालिका इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा करीब 10 करोड रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया । जिस कच्चा खंडेवला राजस्व सड़क मार्ग को लेकर इन दिनों पालिका पार्षदों ने पालिका प्रशासन के साथ-साथ पालिका चेयरमैन के खिलाफ भी मोर्चा खोला हुआ है सही मायने में यह निश्चित ही उच्च स्तरीय जांच का विषय बना हुआ है । सीधी-सीधी बात करते हैं , 25 अगस्त को राव इंद्रजीत के हाथों जिस सड़क मार्ग का उद्घाटन करवा दिया गया, लाख टके का सवाल यह है ऐसा क्या स्वार्थ था, अथवा लोभ था या फिर राव इंद्रजीत सिंह को दिल्ली में बैठे-बैठे ही खुश करना मकसद था। कि आधे अधूरे रोड का उनके हाथों उद्घाटन करवाया गया। क्योंकि आज भी इस कच्चा खंडेवला राजस्व सड़क मार्ग पर इसको बनाने का काम किया जा रहा है। सबसे अधिक विवाद का कारण यह सड़क मार्ग इसलिए बना है कि जहां तक यह सड़क मार्ग पक्का अर्थात सीसी रोड बन चुका है, उसके आगे कच्चे रास्ते में अवैध रूप से पीने के पानी और सीवरेज के कनेक्शन पाइपलाइन डालकर कर दिए गए हैं । इसी मामले को लेकर जन स्वास्थ्य विभाग एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी के उप मंडल अभियंता के द्वारा 25 अगस्त को ही हेली मंडी पालिका सचिव के नाम पत्र लिखकर कड़ा ऐतराज जाहिर किया जा चुका है। लेकिन इस इतने दिन बीत जाने के बाद भी हेली मंडी पालिका प्रशासन दावा कर रहा है कि सड़क मार्ग बनवाया जा रहा है वहां से पेयजल और सीवरेज के पाइपलाइन सहित कनेक्शन नहीं हटा रहा है। दोनों कनेक्शन जन स्वास्थ्य विभाग की मुख्य सरकारी पाइप लाइन में किए गए हैं । इस पूरे कार्य को जन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अवैध ठहराया गया है । इधर पालिका प्रशासन का तर्क है कि जो सीवरेज और पेयजल की पाइप लाइन डाले गए अथवा कनेक्शन किए गए वह पालिका प्रशासन के खर्च से काम नहीं करवाया जा रहा है। तो लाख टके का सवाल यह है कि हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा बनवाए जा रहे सड़क मार्ग पर जब पेयजल और सीवरेज के कनेक्शन होदी इत्यादि बन रही है, तो क्या अभी तक हेली मंडी पालिका के एमई और जेई ने एक बार भी क्या मौके का मुआयना नहीं किया ? कि सड़क मार्ग सही बन रहा है या सड़क मार्ग के साथ कोई अवैध काम तो नहीं हो रहा ? यह भी जांच का विषय बना हुआ है । इधर 31 अगस्त को नाराज पार्षदों के द्वारा पटौदी के एसडीएम को कच्चा खंडेवला सड़क मार्ग पर पेयजल और सीवरेज के कनेक्शन के साथ-साथ अन्य स्थानों पर विकास कार्यों और संबंधित कार्यों के भुगतान को तत्काल रोकने की मांग की गई । बताया गया है पटौदी के एसडीएम ने हेली मंडी पालिका प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए । लेकिन लगता है हेली मंडी पालिका प्रशासन, हेली मंडी पालिका के सचिव ने एसडीएम के आदेशों को खूंटी पर टांग कर छोड़ दिया । इसके बाद जो कुछ हुआ वह सबके सामने है। यह मामला पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के संज्ञान में भी पहुंचा । उन्होंने पटौदी प्रशासन के उच्च अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए । 1 दिन पहले कच्चा खंडेवला राजस्व सड़क मार्ग पर जहां बनाया जाने के लिए युद्ध स्तर पर मेटेरियल डाला जा रहा था, दिन ढलते ढलते साइट पर जेसीबी पहुंची और जितना भी मेटेरियल सड़क बनाने के लिए कच्चा मार्ग पर डाला गया था वह समेट कर एक तरफ ढेर लगा दिया गया । इस प्रकार हुई कार्रवाई से पालिका प्रशासन को झटका लगा ही, वही कुछ उच्च राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों को भी करंट लगा है । लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि यहां पर अवैध रूप से डाले गए सीवरेज पाइप लाइन और पीने के पानी के पाइप लाइन को कब और कैसे डिस्केनेक्ट किया जाएगा । यह सारा कार्य जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा किया जाना है। Post navigation 50-50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाये कोरोना की आर्थिक मार पर दी 40 प्रतिशत फीस में राहत: एडवोकेट विशाल