8 सितम्बर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि लगभग दो वर्ष पूर्व भाजपा खट्टर सरकार द्वारा हरियाणा के अधिकांश शहरों को बाजे-गाजे के साथ कैटल मुक्त घोषित किया गया था। अब वह दावा जमीनी धरातल पर औंधे मुंह गिर चुका है।

विद्रोही ने कहा कि रेवाड़ी में ही विगत एक माह में सड़को पर खुल्लेआम घूम रहे आवारा पशुओं की लडाई में तीन बहुमूल्य जाने जा चुकी है। पिछले एक माह से रेवाड़ी का प्रशासन आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने में कागजी दावे हर दूसरे-तीसरे दिन कर रहा है, पर जमीनी हकीकत यह है कि आवारा पशु सड़को पर इस तरह टहल रहे है कि मानो प्रातकालीन सैर को निकले हो। अब अवारा पशुओं की लडाई में आये दिन कोई न कोई चपेट में आकर घायल हो रहा है। सवाल उठता है कि जब प्रशासन व सरकार सड़को पर अवारा पशुओं को हटाने की स्थिति में नही है तो प्रशसन मीडिया में झूठी बयानबाजी करके असंगत व हकीकत से कोसो दूर के दावे क्यों कर रहा है?

 विद्रोही ने कहा कि प्रदेश के किसी भी जिले में अवारा पशुओं को रखने का कहीं भी समुचित प्रबंध नही है। गौशालाओं के नाम पर सरकारी पैसों को तो हडपा जा रहा है, पर इन गौशालाओं में पहले ही मौजूद गौवंश को रखने व चारा खिलाने का पर्याप्त प्रबंध नही है। सरकार व प्रशासन अवारा पशुओं को पकडने के सब्ज बाग को दिखाता है, पर धरातल की वास्तविकता यह है कि प्रशासन ईमानदारी से इन अवारा पशुओं को पकड़ भी लेता है तो उन्हे रखेगा कहां और इन्हे चारा कहां से खिलायेगा?

विद्रोही ने कहा कि खट्टर सरकार ने गौसेवा बोर्ड भी बनाया है, पर यह बोर्ड भी संघीयों को रोजगार देने व सरकारी पैसों से गौसेवा नाम पर संघी राजनीति को आगे बढ़ाने के सिवाय धरातल पर गौसेवा के लिए कुछ नही कर पाया। पूरे हरियाणा में अवारा पशु शहरों व राष्ट्रीय व राज्य मार्गो पर विचरकर लोगों की जान के लिए खतरा पैदा कर रहे है। पर सरकार कोई भी उचित समाधान नही निकाल पा रही है।

विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि दावे करने की बजाय ईमानदारी से ऐसी सार्थक पहल करे कि जिससे प्रदेश में कहीं भी अवाारा पशु शहरों व सड़कों पर घूमकर लोगों की जान के लिए आफत न बने। 

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