2 सितम्बर 2020स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा-जजपा खट्टर राज में कानून व्यवस्था इतनी लचर हो चुकी है कि इसकी जद में आकर मंत्री, संतरी से लेकर आमजन तक समान रूप से शिकार हो रहे है। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश के हर जिले व कोने-कोने में अपराधी जब चाहे तब अपराध को अंजाम देकर आमजनों को त्रस्त कर रहे है। दिन-दहाड़े महिलाओं पर हमला करके उनसे जेवर, पैसा लूटकर अपराधी रफूचक्कर हो रहे है और पुलिस उनको पकड तक नही पा रही है। सवाल उठता है कि जब प्रदेश के हर क्षेत्र में दिन-दहाड़े अपराधी खुलेआम अपराध घटनाओं को अंजाम देकर आराम से भाग जाते है तो आखिर पुलिस कर क्या रही है? विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य यह है कि सत्तारूढ़ संघी, अफसर व पुलिस अधिकारी मिलकर प्रदेश को दोनो हाथों से लूट रहे है। भाजपा-जजपा खट्टर राज में एक घोटाले की गूंज खत्म नही होती है कि दूसरा घोटाला सामने आ जाता है। सबसे अधिक विडम्बना की बात यह है कि किसी घोटालेबाज को न तो सजा मिलती है और न ही उनके चेहरे बेनकाब होने दिये जाते है। नया घोटाला सामनेे आते ही पुराने घोटाले को चुपचाप ठंडे बस्ते में डालकर दबा दिया जाता है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा-जजपा खट्टर राज को यदि खट्टर घोटाला राज कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। मुख्यमंत्री अपने को स्वयंसेवक व ईमानदार होने का ढोल पीटते है, पर उनका आचरण व कथनी-करनी एकदम इसके विपरित है। पूरे प्रदेश में अधिकारी बेलगाम होकर आम हरियाणवी को दोनो हाथों से लूट रहे है। मंत्री, सांसद, विधायक व प्रशासनिक-पुलिस अधिकारी सत्ता बल पर हो रही लूट बटवारे के लिए कुत्तो-बिल्लियों की तरह लड़ रहे है। आम आदमी के नाम पर भाजपा-जजपा सरकार के मंत्रीयों, सांसदों, विधायकों का अफसरों से कथित टकराव आमजनों की न्याय दिवालने की बजाय वस्तुत: लूट के माल के बटवारे को लेकर है। विद्रोही ने कहा कि प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी पदों की खुली बोलिया लग रही है व प्रदेश में तबादला व पोस्टिंग संघीयों के लिए एक बड़ा उद्योग बन गया है जिसके चलते ही प्रदेश घोटाला की गिरफ्त में है। कानून व्यवस्था घ्वस्त है व प्रशासानिक ढांचा बुरी तरह से लडख़डा चुका है। Post navigation किसानों की बर्बाद नरमे की फसल की तुरंत स्पेशल गिरदावरी कर पूरा मुआवजा दे सरकार: सुरजेवाला 93500 रूपये की जाली करंसी बरामद, एक काबू