नारनौल,(रामचंद्र सैनी): हरियाणा सरकार के राजस्व मंत्री ओमप्रकाश यादव व एसपी सुलोचना गजराज प्रकरण तूल पकडने लग गया है। सोमवार को पूर्व विधायक एवं हरियाणा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष नरेश यादव ने नारनौल के अपार होटल में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में कहा है कि मंत्री सरकार का है लेकिन उन्होंने आवाज हमारे इलाके के अमन चैन और शांति के लिए उठाई है। इसलिए उन पर मुकदमा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पूर्व विधायक ने कहा कि कौन किस पार्टी का नेता है, इस बात से उन्हें कोई मतलब नहीं है। लेकिन ऑडियो में राजस्व मंत्री की ही नहीं बल्कि पब्लिक के हित में अंदर आत्मा की आवाज थी। मंत्री ने एसपी के बारे में ऑडियो में किसी गलत शब्द या भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है बल्कि जब पानी सिर से ऊपर गुजर गया तो दुखी मन से यह सब कहा है। एसपी ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाकर जनप्रतिनिधि का अपमान किया है। जिला में पिछले कुछ महीनों से अपराध चरम सीमा पर पहुंच गए थे। इसके लिए जिला की एसपी की जवाबदेही बनती है।

पूर्व विधायक नरेश यादव ने कहा है कि अगर क्षेत्र के लोगों की आवाज उठाने वाले नेताओं को अधिकारियों से इस तरह से दबाया गया तो आम लोगों का क्या होगा। इसका वे पुरजोर विरोध करते हैं। यादव ने कहा कि उन्हें प्रदेश के सीएम व गृहमंत्री से भी नाराजागी है कि उनकी सरकार के एक मंत्री पर एक एसपी मुकदमा दर्ज करवा देती है और सरकार स्टेट क्राइम से जांच की बात कह रही है। नरेश यादव ने कहा कि बड़ी ही विचित्र बात है कि इस मामले में आखिर जांच क्या होगी। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि आगामी तीन दिनों के अंदर-अंदर नारनौल में फायरिंग करने वाले सभी बदमाशों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो हरियाणा किसान संघर्ष समिति आंदोलन का रास्ता अपनाएगी और राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित करेगी।

उन्होंने यह भी मांग की है कि फायरिंग करने वालों के साथ-साथ उनको सरंक्षण देने वाले लोगों तथा जो भी पुलिस कर्मचारी और अधिकारी उनसे मिले हुए हैं, सभी पर कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदेश के एक मंत्री पर उनके ही जिले की एक एसपी द्वारा अपनी कमी छिपाने के लिए मुकदमा दर्ज करना हरियाणा में पहली घटना है। इससे आम लोगों का मनोबल टूटा है और अपराधियों के हौंसले बढ़े हैं। इसलिए मंत्री पर बनाया गया मुकदमा तुरंत प्रभाव से रद्द किया जाये। पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि ऑडियो वायरल करने वाले पत्रकार का भी इसमें किसी प्रकार का कोई दोष नहीं मानते। उन्होंने कहा कि ऑडियो में खुद मंत्री ने इस बात को ऊपर तक पहुंचाने की बात कह रहे हैं और दूसरा यदि ऑडियो वायरल नहीं होती तो इस बात का भी पता नहीं चलता कि वास्तव में जिला की एसपी जनप्रतिनिधियों को कितना तवज्जों देती है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में पत्रकार के साथ भी खड़े हैं।

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