डीसी रेट देकर एक हिस्सा वापस लेने का चल रहा गोरखधंधा

चंडीगढ़,30 अगस्त। प्रदेश की आईटीआई में ठेका कर्मचारियों को नौकरी पर लगाने के नाम पर मोटी रकम वसूलने और सरकार द्वारा निर्धारित डीसी रेट देकर एक हिस्सा वापस लेने का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। ठेका कर्मचारियों द्वारा शिकायत करने के उपरांत इस पर अंकुश लगाने की बजाय शिकायत करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। इस गोरखधंधे में सर्विस प्रोवाइडर (ठेकेदार) व प्रधान नियोक्ता शामिल हैं।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि संघ ने कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा को पत्र लिखकर मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने,दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने व नौकरी से निकाले गए सभी ठेका कर्मचारियों को वापस सेवा में लने की मांग की है। पत्र में ठेकेदार को बीच से हटकर ठेका कर्मचारियों को सीधा विभाग के पे रोल पर लेने, समान काम समान वेतन और सेवा सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की गई है। उन्होंने बताया कि एसकेएस ने इस पत्र की प्रति मुख्य सचिव हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, श्रमायुक्त हरियाणा व विभाग के एसीएस व निदेशक को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी है।

कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की आईटीआई में करीब 1240 ठेका कर्मचारी आऊटसोर्सिंग पॉलसी-1 के अंतर्गत सफाई कर्मचारी व माली के पदों पर काम कर रहे है। इन कर्मचारियों का ठेकेदार सर्विस प्रोवाइडर (ठेकेदार) प्रधान नियोक्ताओं के साथ मिलकर भारी आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे है। उन्होंने बताया कि इन शोषित पीड़ित ठेका कर्मचारियों ने सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा को बताया है कि श्रम आयुक्त हरियाणा द्वारा 21 अक्टूबर,2010 को जारी पत्र की उलंघना कर हर साल ठेका बदलने पर कर्मचारियों के एक हिस्से को हटाकर मोटी रकम लेकर नए कर्मचारियों को लगाया जाता है। जबकि श्रम आयुक्त के पत्र में बिल्कुल स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि ठेकेदार बदल जाने पर भी पुराने कर्मचारियों को काम पर लगाना आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि एक तो वेतन समय पर नही मिलता, दूसरा बैंक में पूरा वेतन जमा करवाकर,उसका करीब आधी राशि वापस ले ली जाती है। विरोध करने पर उन ठेका कर्मचारियों को काम से हटा दिया जाता है। ईपीएफ व ईएसआई में भी भारी अनियमितता है। अवकाश वाले दिन भी कर्मचारियों को बुलाकर काम लिया जाता है।

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