नीजि स्कूल संचालक अभिभावकों के साथ मिल बैठ कर फीस का मुद्दा हल करना नहीं चाहते: सभ्य समाज

भिवानी/शशी कौशिक

 प्राईवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रामअवतार शर्मा ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि एक सितंबर से प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को खोला जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई सही ढंग से हो सके। वे आज शुक्रवार को लिटिल हार्ट पब्लिक स्कूल में मीडिया से  बात कर रहे थे।

शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस की इस महामारी में सरकार की हिदायतों के अनुसार निजी स्कूल गत एक अप्रैल से बंद हैं।  जिसके चलते छात्रों को स्कूल अध्यापकों द्वारा ऑनलाईन शिक्षा दी जा रही है। अभिभावकों द्वारा निजी स्कूलों को फीस न जमा करवाने के कारण स्कूल संचालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए वे एसोसिएशन के माध्यम से अभिभावकों से आह्वान करते हैं कि वे अपने बच्चों की फीस जरूर जमा करवाएं ताकि निजी स्कूल अपने अध्यापकों को समय पर वेतन दे सकें।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान सरकार ने स्कूली बसों का पैसेंजर टैक्स माफ कर दिया था लेकिन स्कूल अब भी बंद है। इसलिए वे सरकार से मांग करते हैं कि जब तक स्कूल बंद रहें तब तक पैसेंजर टैक्स माफ किया जाए। इसके अलावा नियम 134 ए के तहत भिवानी के निजी स्कूलों का सरकार की तरफ लगभग अढाई करोड़ रूपये बकाया है उस राशि का भुगतान की शीघ्र किया जाए ताकि निजी स्कूलों को कुछ राहत मिल सके।

दूसरी ओर सभ्य समाज के अध्यक्ष धमेंन्द्र जांगिड़ा ने कहा है कि नीजि स्कूलों के संचालक एकजूट हो कर अभिभावकों के साथ चीटिंग कर रहे हैं। उन्होने कहा कि नीजि स्कूलों के संचालकों का केवल फीस ही एक मुद्दा है। वें अपने छात्रों और अभिभावकों के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उनका कहना है कि देश में ऑन लाइन शिक्षा का कॉन्सैप्ट अभी बना ही नहीं है। करीब 70 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं, जिनके पास लेपटॉप या टेब नहीं है। पर नीजि स्कूल संचालक अभिभावकों को विश्वास में लेकर फीस का मैटर हल करने की चाह में नहीं है।

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