बीते 14 अगस्त को वार्ड 2-3 में तोड़े गए पेयजल और सीवरेज कनेक्शन.
यह तोड़फोड़ बिना किसी कोर्ट और वरिष्ठ अधिकारी के आदेश पर की गई
. आज तक आरोपी जेई और पालिका प्रशासन ने नहीं दिया है कोई जवाब
अब जन स्वास्थ्य विभाग पटौदी  ने सारा ठीकरा ठेकेदार के सिर फोड़ा

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   हरियाणा सरकार और पारदर्शिता के आईकॉन सीएम खट्टर, पटौदी के एमएलए के साथ ही स्थानीय प्रशासन की यही पारदर्शिता है कि हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में दलित बहुल वार्ड नंबर 2 और 3 में तोड़े गए पेयजल आपूर्ति के पाइप और सीवरेज के आरोपी जेई को क्यों और कौन बचाने के लिए उसकी ढाल बन गया है ? यह बहुत बड़ा सवाल और स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह बन गया है।

गौरतलब है कि बीते 14 अगस्त को हेलीमंडी नगरपालिका के दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक लोगों के वार्ड नंबर 2 और 3 में बनाए जाने वाली गली के रास्ते में जो बाधा बनी तोड़फोड़ की गई, वह सब मौके पर मौजूद हेली हेली मंडी नगरपालिका के जूनियर इंजीनियर मनोज कुमार की अगुवाई और नेतृत्व में की गई । इस सारी कार्यवाही की फोटो भी खींचे गए और रिकॉर्डिंग भी की गई । इतना सब होने के बावजूद सवाल उठ रहे हैं, पटौदी के जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कार्यालय और विभाग के ही अधिकारियों की नियत पर । आखिर ऐसी क्या मजबूरी और क्या राजनीतिक दबाव है जो उस अधिकारी को इस पूरे घटनाक्रम से साफ-साफ कानूनी कार्रवाई किए जाने से निकाल दिया गया ? जिसके नेतृत्व में और जिस के निर्देश पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते पहुंचाया गया । इस मामले में पालिका के तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद जेई मनोज कुमार से बार-बार यह जानना चाहा कि जो तोड़फोड़ कथित अवैध निर्माण के साथ-साथ सीवरेज अथवा चेंबर तोड़ दिए गए , क्या वह सब कार्यवाही किसी सक्षम कोर्ट के आदेश पर की गई या किसी वरिष्ठ अधिकारी के लिखित आदेश पर की गई । इस बात का जवाब आज तक आरोपी जेई मनोज कुमार के साथ-साथ पालिका प्रशासन भी नहीं दे सका है।

अब इस मामले में जन स्वास्थ्य विभाग एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा पुलिस में जो शिकायत की गई है, वह बेहद हैरान करने के साथ-साथ चैंकाने वाली है । जन स्वास्थ्य विभाग एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी के उपमंडल अभियंता के द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत में सीधा-सीधा आरोप लगाया गया है कि वार्ड नंबर 2 और 3 में सीवरेज लाइन के मेन हॉल, पब्लिक स्टैंड पोस्ट व सीवरेज के कनेक्शन जेसीबी चलाकर संबंधित ठेकेदार के द्वारा नेस्ताबूद किए गए हैं । इस सारी कार्यवाही में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है । वही की गई तोड़फोड़ का मलबा सीवर लाइन के मैनहोल में गिरने से सीवरेज भी ब्लॉक हो गए हैं, जिसे सरकारी काम में बाधा उत्पन्न हो गई है । ऐसे में आरोपी ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए । इस शिकायत की एक-एक प्रति जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता सोहना, पटौदी के एसडीएम और हेली मंडी नगरपालिका के सचिव को भी आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रेषित की गई है ।

अब लाख टके का सवाल यह है जब यह सारी तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई । सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, बिना किसी कोर्ट के आदेश और सक्षम अधिकारी के निर्देश पर, उस दिन 14 अगस्त को तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान मौके पर नेतृत्व करने वाले हेली मंडी पालिका के कनिष्ठ अभियंता मनोज कुमार ही मौजूद थे और उनके नेतृत्व में ही यह सारी तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया गया ।

पुलिस शिकायत से पहले क्या हुई जांच
क्या जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी के उपमंडल अभियंता के द्वारा इस बात की जांच की गई कि जो तोड़फोड़ करते हुए सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया , यह सब तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने के मौके पर कौन-कौन लोग अथवा पालिका के कर्मचारी पालिका के अधिकारी के साथ साथ क्या संबंधित ठेकेदार भी मौके पर मौजूद था ? सूत्रों के मुताबिक इस प्रकार की पूछताछ और अपने स्तर पर जांच करने की जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने कोई जरूरत ही नहीं समझी । केवल मात्र खानापूर्ति करते हुए कथित राजनीतिक दबाव में आरोपी हेली मंडी पालिका के कनिष्ठ अभियंता को बचाते हुए सारा ठीकरा इस गली को निर्माण का ठेका लेने वाले ठेकेदार के सिर फोड़ दिया गया है।  इस पूरे प्रकरण में इस बात से इंकार नहीं की यह सब हेली मंडी पालिका और यहां के चुने हुए कुछ प्रभावशाली राजनीतिक संरक्षण प्राप्त नेताओं के दबाव में ही यह किया गया कि पालिका के अधिकारी को बचाकर सारा ठीकरा ठेकेदार के सिर ही छोड़ दिया जाए ।

ठेकेदार ने किया साफ-साफ इंकार
इस संदर्भ में हेली मंडी नगर पालिका के वार्ड नंबर 2 और 3 में बनाई जाने वाली गली अथ्वा सड़क रास्ते का ठेका लेने वाले ठेकेदार अशोक कुमार से जब संपर्क किया गया तो उसने साफ साफ कहा कि जिस दिन 14 अगस्त को यह सब अवैध निर्माण के साथ-साथ अन्य तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई वह मौके पर मौजूद ही नहीं था । आज भी गुरुवार को जब ठेकेदार अशोक से मामले की जानकारी मांगी गई तो वह स्वयं भी हैरान रह गया कि जो तोड़फोड़ उसने नहीं की उस मामले में उसको किस साक्ष्य के आधार पर आरोपी बनाते हुए पुलिस में कानूनी कार्रवाई करने के लिए शिकायत पहुंच गई है ? इसी मामले में ठेकेदार अशोक कुमार का कहना है कि जो गली रास्ते का निर्माण किया जाना है उसकी चैड़ाई लगभग टेंडर के मुताबिक 18 फुट और लंबाई 740 फुट के लगभग है । बहरहाल ठेकेदार ने हैरानी जाहिर की है की उसको किस साक्ष्य के आधार पर दोषी बनाया गया है।

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