-ओटी काम्पलैक्स निर्माण के लिए पावर ग्रिड ने किया मुंबई के एडवांस सैंटर फाॅर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर(एसीटीआरईसी) के साथ एमओयू।

गुरूग्राम, 26 अगस्त। पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) ने भारत सरकार के एटोमिक एनर्जी विभाग के अधीन कार्यरत एडवांस सैंटर फाॅर ट्रीटमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर(एसीटीआरईसी) के साथ एक माॅड्यूलर आॅप्रेशन थियेटर काॅम्पलैक्स का निर्माण करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। ये हस्ताक्षर पावरग्रिड के गुरूग्राम स्थित कार्यालय में किए गए हैं।

मुंबई के टाटा मेमोरियल सैंटर (टीएमसी) में एडवान्स सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एण्ड एजुकेशन इन कैंसर (एसीटीआरईसी) चलाया जा रहा है जहां पर मुख्य रूप से कैंसर के उपचार के लिए अनुसंधान का कार्य होता है। टीएमसी भारत सरकार के एटोमिक एनर्जी विभाग के अधीन देश का एक प्रमुख कैंसर रिसर्च इंस्टीटयूट है जिसमें एसीटीआरईसी सैंटर चल रहा है। गुरूग्राम स्थित पावरग्रिड कंपनी इस संस्थान में महिलाओं व बच्चों के कैंसर अस्पताल में माॅडयूलर आप्रेशन थियेटर काॅम्पलैक्स का निर्माण करने के लिए 26.40 करोड़ रूप्ये की सहायता देगी। इस बाबत पावरग्रिड के निदेशक वी के सिंह तथा एसीटीआरईसी के निदेशक डा. सुदीप गुप्ता ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं जिस दौरान पावरग्रिड के कार्यकारी निदेशक (उत्तरी क्षेत्र-1)  डी. के. सिंह, कार्यकारी निदेशक (पश्चिमी क्षेत्र-2) एस. डी. जोशी और कार्यकारी निदेशक (सीएसआर तथा ईएसएमडी)  एम. के. सिंह भी उपस्थित रहे।

पावरग्रिड के निदेशक (पर्सनल) वी के सिंह ने बताया कि पावरग्रिड अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत एसीटीआरईसी, टीएमसी, नवीं मुम्बई के महिला व बाल कैंसर हॉस्पिटल में मोडुलर ऑपरेशन थियेटर कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए रु.26.40 करोड़ की आर्थिक सहायता दे रहा है। उन्होंने बताया कि इस काॅम्पलैक्स का नाम “पावरग्रिड ओ टी कॉम्प्लेक्स” होगा जो उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। यह काॅम्पलैक्स जहां एक ओर रोगियों को संक्रमण से बचाने में सहायक होगा वही दूसरी ओर हैल्थ केयर काॅस्ट कम करने में मददगार साबित होगा।

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी पावरग्रिड ने वर्ष 2016-17 में रु. 30 करोड़ की वित्तीय सहायता का एक एमओयू टीएमसी के साथ किया था , जिसके अंतर्गत वहां पर रेडिएशन रिसर्च यूनिट बनाई गई थी। इस यूनिट का उद्देश्य इन्टीग्रेटिड न्यूक्लियर थेरेपी की आवश्यकता वाले रोगियों को बेहतर एम्ब्यूलेटरी और इन-पेशेंट चिकित्सा उपलब्ध करवाना है। भूतल तथा सात मंजिला इस इमारत की कुल परियोजना लागत रु.60 करोड़ थी जिसमें पावरग्रिड तथा भारत सरकार के एटोमिक एनर्जी विभाग ने बराबर सांझेदारी की थी।

उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 की प्रथम तिमाही की समाप्ति पर पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल ट्रांसमिशन एसेटस में 163,695 सर्किट किमी. ट्रांसमिशन लाइनें, 248 सब-स्टेशन और 413,950 एमवीए से अधिक ट्रांसफार्मेशन क्षमता शामिल हैं।

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