– लार्ज आउट बे्रक रीजन के प्रबंधन को लेकर जारी किए गए आदेश गुरूग्राम, 25 अगस्त। गुरुग्राम जिला प्रशासन ने पीएचसी पटेल नगर के अंतर्गत पड़ने वाले जैकमपुरा को लार्ज आउट बे्रक रीजन घोषित करते हुए इस रीजन के प्रबंधन को लेकर आदेश जारी किए हैं। जिलाधीश गुरूग्राम अमित खत्री द्वारा इस संबंध में जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि लार्ज आउट ब्रेक रीजन घोषित क्षेत्र में कंटेनमेंट के नियम सख्ती से लागू किए जाएंगे और अवहेलना करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा भारतीय दंड संहिता 1860 के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। इस लार्ज आउटब्रेक रीजन अर्थात बड़े प्रकोप वाले क्षेत्र के लिए जिलाधीश द्वारा विस्तृत प्रबंधन प्लान तैयार कर के उसे कड़ाई से लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं। इस प्रबंधन प्लान के अनुसार चिन्हित किए गए क्षेत्र अर्थात् जैकमपुरा में आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा, सभी लोगों के स्वास्थ्य की डोर टू डोर स्क्रीनिंग होगी लेकिन ऐसा करते समय प्रशासन द्वारा यह भी ध्यान रखा गया है कि इन क्षेत्रों में इन आदेशों का सामाजिक आर्थिक गतिविधियों पर कम से कम प्रतिकूल प्रभाव पड़े। जिलाधीश द्वारा उपरोक्त तीनों पहलुओं को लागू करने के लिए अधिकारियों की ड्यूटियां भी लगाई गई हैं। 1) बड़े प्रकोप वाले चिन्हित क्षेत्र में आवागमन पर रहेगी उचित रोक जिलाधीश द्वारा जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि बड़े प्रकोप वाले चिन्हित क्षेत्र अर्थात् जैकमपुरा में संबंधित एसडीएम, एसीपी के साथ तालमेल करके सीमा तय करेंगे और उसमें प्रवेश तथा निकासी के पॉइंट निर्धारित किए जाएंगे। वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि क्षेत्र में आवश्यक सरकारी अथवा आपातकालीन सेवाएं पहुंचाई जाए तथा अधिकृत व्यक्तियों को आवागमन की अनुमति हो। इस संबंध में वे पूर्व नोटिस देने, सीमाएं निर्धारित करने, आदेशों को लागू करने तथा नियमित रूप से फीडबैक और समीक्षा के कार्यों में स्थानीय निगम पार्षद तथा आरडब्लूए को भी शामिल करेंगे। उस क्षेत्र में बैरिकेडिंग लगाने का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा पुलिस आयुक्त तथा संबंधित एसडीएम से परामर्श लेकर किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिये हेल्पलाइन, क्या करे- क्या ना करें, बचाव उपायों आदि के बारे में सूचनाएं, प्रवेश तथा निकासी स्थानों पर सांझी की जाएंगी। यदि व्यक्ति को बड़े प्रकोप वाले क्षेत्र में जाना आवश्यक हो और उसे टाला ना जा सके, ऐसे में आदेशों में सावधानियों का भी उल्लेख किया गया है, जिन पर अमल करना जरूरी है। इन सावधानियों में व्यक्ति के मोबाइल में आरोग्य सेतु एैप इंस्टॉल्ड होना चाहिए, एंट्री तथा एग्जिट के समय नाके पर थर्मल स्कैनिंग तथा सिंप्टोमेटिक स्क्रीनिंग की जाए। उस क्षेत्र से जाने वाले सिंप्टोमेटिक व्यक्ति के लिए रैपिड टेस्टिंग सुविधा हो तथा जो भी व्यक्ति उस क्षेत्र में प्रवेश करें उसे बरती जानी सावधानियों के बारे में बताया जाए और उसे सूचना के लिए पंपलेट तथा मास्क भी दिया जाए। 2) सघन स्वास्थ्य जांच अभियान — जिलाधीश द्वारा जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि बड़े प्रकोप वाले क्षे में हर घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की डोर टू डोर स्क्रीनिंग तथा थर्मल स्कैनिंग के लिए पर्याप्त संख्या में टीम सिविल सर्जन गुरुग्राम द्वारा लगाई जाएंगी। ये सभी टीमें सिविल सर्जन के दिशा निर्देश पर काम करेंगे और इन टीमों को पीपीई किट तथा स्क्रीनिंग व थर्मल स्कैनिंग आदि के उपकरण मुहैया करवाए जाएंगे। यह भी आदेश दिए गए हैं कि डोर टू डोर सर्वे के दौरान जिन लोगों में लक्षण दिखाई देंगे उनका केंद्रीय स्वास्थ्य के साथ परिवार कल्याण मंत्रालय और आईसीएमआर की हिदायतो के अनुसार रैपिड एंटीजन या आर टी पीसीआर टेस्ट करवाए जाएंगे। इसके बाद इन सभी केसों का रिस्क एसेसमेंट किया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो गंभीर रूप से बीमार या कोमोरबिडिटी अर्थात जिन्हें और बीमारियां भी हैं उन्हें अधिसूचित क्वारंटाइन या आइसोलेशन सुविधा या अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद इन ज्यादा पॉजिटिव केसो वाले क्षेत्रों में सीरो सर्वे भी किया जाएगा। इस क्षेत्र को नगर निगम गुरुग्राम या अन्य संबंधित एजेंसी द्वारा पूरी तरह से सेनीटाइज किया जाएगा। सैनिटाइजर करने वाले कर्मियों को भी पीपीई किट, फेस मास्क, दस्ताने, कैप, सैनिटाइजर, जूते तथा उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग नॉर्म का पालन करने के लिए कहा जाएगा। यही नहीं, इस क्षेत्र में आयुष विभाग द्वारा इम्यूनिटी बूस्टर दवाइयां वितरित करने का अभियान भी चलाया जाएगा और बुजुर्गों व 10 साल से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। यदि आवश्यकता हुई तो उन्हें क्वारंटाइन अथवा आइसोलेशन सुविधा या अस्पताल में शिफ्ट भी किया जाएगा। इस क्षेत्र में मास्क पहनने तथा सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने आदि सहित हाथ धोने, स्वास तथा पर्यावरणीय स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाएगा। 3) इन उपायों की वजह से क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव कम पड़े, यह भी ध्यान रखा जाएगा— बड़े प्रकोप वाले क्षेत्र अर्थात् जैकमपुरा में इन उपायों को लागू करते समय वहां पर सामाजिक आर्थिक गतिविधियों पर कम से कम प्रतिकूल प्रभाव पड़े, इस बात का ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए इस क्षेत्र में उन औद्योगिक गतिविधियों को चलाने की अनुमति होगी, जिन में श्रमिकों को ठहराने की व्यवस्था है। इसी प्रकार कामगारों के लिए इस क्षेत्र में ही रहने के प्रबंध किए जा सकते हैं ताकि कामगारों के अंदर बाहर बार-बार आवागमन को रोका जा सके। उद्योग विभाग द्वारा जारी है एसओपी को भी कड़ाई से लागू किया जाएगा। इस क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की दुकानों तथा वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के संचालन को अनुमति होगी। इनके समय, दिन तथा श्रेणी के विभाजन के लिए संबंधित एसडीएम द्वारा उस क्षेत्र के निगम पार्षद, मार्केट एसोसिएशन तथा आरडब्लूए के साथ विचार विमर्श करके संचालन की गाइड लाइन बनाई जाएंगी। इस क्षेत्र में आवश्यक वस्तुएं, कच्चा राशन, दूध, दवा, सब्जियां तथा अन्य ग्रोसरी का सामान खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, नगरनिगम तथा ड्रग कंट्रोलर अधिकारी के सहयोग से पहुंचाया जाएगा। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि इस क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी ना रहे। Post navigation विवि प्रशासन ऑनलाइन परीक्षा को तैयार, छात्र आन्दोलन की जीत गुरूग्राम : 7 सेल्फ पेड तथा 2 गवर्नमेंट पेड सुविधाओं सहित कुल 9 आइसोलेशन सुविधाओं को नोटिफाई किया – उपायुक्त अमित खत्री