धर्मपाल वर्मा

हरियाणा में पिछली सरकार में हुए जींद के उपचुनाव में प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दल इंडियन नेशनल लोकदल की स्थिति बहुत हास्यास्पद हो गई थी वह अब  बरोदा में होने जा रहे उपचुनाव में मजबूत होती दिख रही है l यदि वास्तव में ऐसा हुआ तो इसका श्रेय पार्टी के सूत्रधार ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला को जाएगा l यहां इनेलो ने लगभग दो दर्जन गांवों में जनसभाएं कर यह साबित करने की कोशिश की है कि इंडियन नेशनल लोकदल एक बार फिर से खड़ा हो रहा है l इन सभाओं का अब लब्बओलूआब यह रहा कि लोगों ने अभय सिंह चौटाला को बड़ी तन्मयता से सुना l उनमें उत्साह और जोश देखने को मिला l

राजनीति को समझने वाले लोग यह मानकर चलने लगे हैं कि अभय सिंह चौटाला ने कोरोना काल में जिस तरीके से दिन-रात लोगों के बीच में रहकर अपनी आवाज बुलंद की है, किसानों और मजदूरों के पक्ष को बड़ी मजबूती से उठाया है ,उससे उनको विशेष तौर पर राजनीतिक लाभ मिलता नजर आ रहा है l क्योंकि लोग कहने लगे हैं कि इंडियन नेशनल लोकदल ने टिकट देने में समझ बूझ का परिचय दिया तो बरोदा हल्का और यह उपचुनाव पार्टी के लिए लैंड मार्क साबित हो सकता है l

ऐसा महसूस किया गया है कि ओम प्रकाश चौटाला का जो युवा कार्यकर्ता जल्दबाजी में एक अनिश्चित लालच में भ्रमित होकर नवगठित जननायक जनता पार्टी में चला गया था ,वह अपने ही फैसले को भेड़ चाल के रूप में देखने लगा है और वापिस इंडियन नेशनल लोकदल में शिफ्ट होने को लालायित दिख रहा है l ऐसा माना जा रहा है कि हल्के में मुंडलाना ब्लॉक में इनेलो का असर पहले से बढ़ रहा है l उधर इनेलो की रणनीति हलके के गठवाला ब्लॉक में भी कुछ इस तरह से बनाई जा रही है कि चुनाव पक्के तौर पर नहीं  लड़ती  दिख रही जननायक जनता  पार्टी को बैकफुट पर लाया जा सके l बरोदा हल्के में अभी और बहुत कुछ होना बाकी है l

एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने उम्मीदवार का फैसला कांग्रेस के निर्णय के बाद और कांग्रेस अपना फैसला उसके बाद करना चाह रही है , वही अभय सिंह चौटाला को इन दोनों का भी इंतजार हो सकता हैl वे यह चाहेंगे कि उन के उम्मीदवार का चयन सबसे बाद में और कई पक्षों पर पर विचार करने के बाद इस तरह से किया जा सके कि इनेलो को अधिक से अधिक वोट मिल सके l इस हल्के में इनेलो को यह एहसास हो गया है कि यहां जेजेपी मजबूत नहीं कमजोर स्थिति में है l

पाठकों को बता दें कि इनेलो ने सितंबर के प्रथम सप्ताह में 4 दिन का नया कार्यक्रम फिर बना दिया है l यह चरण बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है l यदि इस दूसरे चरण में इनेलो असरदार नजर आई तो यह प्रगति सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को अपनी मौजूदा रणनीति बदलने को मजबूर कर सकती है l कहने को अभी भाजपा जाट को मैदान में उतारने का संकेत दे रही है परंतु राजनीतिक पर्यवेक्षक यह दावा कर रहे हैं कि इनेलो की मजबूती के बावजूद ऐसा करने का फैसला लिया गया तो यह घातक भी सिद्ध हो सकता है l बरोदा हलके में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी पॉलिटिकल एक्सरसाइज करने में लगी हुई है यदि इतनी मेहनत इंडियन नेशनल लोकदल ने कर दी तो फिर कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेताओं के कान खड़े हो जाएंगे l

आपको बता दें कि अभय सिंह चौटाला अपने वक्तव्य में जहां सरकार और मुख्यमंत्री को घेर रहे हैं वहीं वह जेजेपी पर भी प्रत्यक्ष परोक्ष वाक्य प्रचार करने से नहीं चूक रहे हैं lभारत सरकार द्वारा जारी गए किए गए ताजा अध्यादेश, किसानों की दुर्गति ,शराब के व्यापार ,अराजकता, तथा भ्रष्टाचार के मुद्दों पर मुखर और हो कर बोल रहे अभय सिंह चौटाला को लेकर लोगों ने यह भी कहना शुरू कर दिया है कि वह जुबान के धनी है और उन्हें परिवार के ही लोगों ने बदनाम करने का एक सुनियोजित अभियान चलाकर अपने हित और स्वार्थ पूरा करने के लिए जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया है l

इनेलो की योजना हल्के में इनेलो से जजपा में गए कार्यकर्ताओं नेताओं को पुनः पार्टी में लाने की हो सकती है l पार्टी ने इस मुहिम में भी कामयाबी हासिल कर ली तो यह इनेलो के लिए सुखद अनुभूति होगी l

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